बक्सर: बिहार के बक्सर जिले चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचने वाले शवों की तादाद आम दिनों की अपेक्षा पांच दिनों से अचानक दोगुना बढ़ गई है. श्मशान घाट पर एक साथ कई चिता जल रही है. मुक्तिधाम पर दाह संस्कार करने वाले लोगों की भीड़ बढ़ गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रतिदिन औसतन सौ की संख्या में शव पहुंच रहे हैं. पांच दिन पहले जहां प्रतिदिन पहले 45 शव दाह संस्कार के लिए यहां लोग आते थे. वही चार दिन के अंदर 70 से 80 शव जलाए जा रहे है. 


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रात-दिन हो रहा शवों का अंतिम संस्कार
हालत यह हो गई है कि अब रात- दिन शव जलाये जा रहे हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर के कर्मचारियों ने बताया कि 15 जून से लेकर अब तक प्रतिदिन औसतन 70 से 80 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. बक्सर श्मशान घाट पर बक्सर जिले के अलावे शाहाबाद क्षेत्र के लोग भी शव लेकर दाह संस्कार करने आते हैं. जिसके कारण बक्सर श्मशान घाट पर दाह संस्कार का आंकड़ा बढ़ गया है.


मरने वालों की संख्या में हुआ इजाफा 
मुक्तिधाम पर 15 मई के बाद मरने वालों की संख्या में एकाएक इजाफा हो गया. मई माह में प्रतिदिन जहां 50 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे थे. उसकी संख्या 14 जून के बाद औसतन 100 के करीब पहुंच गई है. शवों का अंतिम संस्कार करने वालों में अचानक काफी वृद्धि दर्ज की गई है. जबकि आम दिनों में श्मशान घाट पर 25 से 30 शवों का दाह संस्कार 24 घंटे में किया जाता था. 14 मई के बाद संख्या 45 के करीब पहुंच गया है. उसके बाद 14 जून से यह संख्या 85 से 100 के बीच पहुंच गया है. 15 जून से अब तक सबसे अधिक 115 शवों का अंतिम संस्कार किया गया.  


पूरे शाहाबाद जिले में बड़ा आंकड़ा 
यह आंकड़ा केवल बक्सर जिला का ही नहीं बल्कि पूरे शाहाबाद जिले का है. जो बक्सर श्मशान घाट पर दाह संस्कार के लिए पहुंचते हैं. श्मशान घाट पर लकड़ी बेचने वाले व्यक्ति ने बताया कि प्रचंड गर्मी और लू के कारण शवों को जलाने में भी परेशानी हो रही है. मरने वालों में सबसे अधिक वृद्ध व्यक्ति के शव श्मशान घाट पर पहुंच रहे है. 


श्मशान घाट में बढ़ी लकड़ी की कीमत
प्रचंड गर्मी और लू लगने से मरने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि होने के कारण श्मशान घाट पर इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की कीमत में भी बढ़ोतरी हो गई है. पहले से अधिक शव का चिता जलने से लकडियां कम पड़ने लगी है. जिसको देखते हुए दुकानदार लकड़ियों का दाम बढ़ा दिये हैं. चार सौ रुपए मन बिकने वाली आम की लकड़ी 600 से 700 रुपये मन बिक रही है. वहीं देवराज लकड़ी की कीमत 105 रुपये किलो बेचीं जा रही है.
इनपुट-अजय कुमार राय


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