Ranchi: भारत के स्टार हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या का मानना है कि उनमें दबाव झेलने की क्षमता विकसित हो गई है और उन्हें टीम के लिए महान महेंद्र सिंह धोनी की तरह भूमिका निभाने में कोई परेशानी नहीं है. 


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"मैंने पारी को संभालना सीख लिया है"


अपने खेल में हुए बदलाव को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पारी को संभालना सीख लिया है. पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद के चरण में ऐसी भूमिका निभाया करते थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में 168 रन की जीत के साथ श्रृंखला को 2-1 से अपने नाम करने वाले भारतीय कप्तान ने कहा, "मुझे दूसरे तरीके से जिम्मेदारी लेनी है. जहां मैं हमेशा साझेदारी में विश्वास करता हूं. मैं अपनी टीम और दूसरे अधिक भरोसा और आश्वासन देना चाहता हूं कि कम से कम मैं वहां मौजूद हूं." 


उन्होंने कहा, 'मैंने  इस टीम (टी20 अंतरराष्ट्रीय) में शामिल अन्य खिलाड़ियों के मुकाबले अधिक क्रिकेट खेला है. ऐसे में अनुभव से मैंने दबाव को झेलने के साथ यह सुनिश्चित करना सीखा है कि हर परिस्थिति मे टीम में माहौल शांत रहे." धोनी को उनके शांत व्यवहार के लिए जाना जाता है और हार्दिक का मानना है कि अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे एक बल्लेबाज के रूप में दिग्गज विकेटकीपर की जगह लें. वह इस भूमिका को निभाने के लिए अपने स्ट्राइक-रेट को कम करने लिए तैयार हैं. हार्दिक ने कहा, 'इस तरह, शायद मुझे अपना स्ट्राइक रेट कम करना होगा या नयी चुनौती स्वीकार करनी होगी. यह कुछ ऐसा है जिसे होते हुए मैं देख रहा हूं. मुझे इस तरह की भूमिका निभाने में कोई आपत्ति नहीं है जैसा की माही भाई (धोनी) करते थे."


हार्दिक ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे छक्के लगाना पसंद है लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर आपको बेहतर होते रहना होता है. मुझे कुछ और भूमिका निभानी है और मैं बल्लेबाजी के समय साझेदारी में विश्वास करता हूं.'


(इनपुट: भाषा के साथ)