Patna: पटना उच्च न्यायालय के मंगलवार को बिहार में इसी महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर रोक लगा देने के फैसले को लेकर अब बिहार की सियासत गर्म हो गई है. सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) जहां केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है, वहीं भाजपा इसे लेकर राज्य सरकार को कोस रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पटना उच्च न्यायालय ने जारी किया ये आदेश
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य में अधिसूचित कर चुनाव कराने का आदेश दिया है. खंडपीठ ने साथ ही यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग चाहे तो वह मतदान की तारीख को आगे बढ़ा सकता है.


JDU ने बीजेपी पर साधा था निशाना


जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में चल रहे नगर निकायों के चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण को रद्द करने एवं तत्काल चुनाव रोकने का उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा निर्णय केन्द्र सरकार और भाजपा की गहरी साजिश का परिणाम है.


उन्होंने कहा कि अगर केंद्र की सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करावाकर आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती, तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और भाजपा के इस साजिश के खिलाफ जदयू आंदोलन करेगा. शीघ्र ही पार्टी कार्यक्रम की घोषणा करेगी.


डॉ. संजय जायसवाल ने किया पलटवार


भाजपा के प्रदेंश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि आज पूरा बिहार इस बात को पहचान गया है कि नीतीश कुमार आरक्षण के विरोधी हैं. आज तक पिछड़ों और अति पिछड़ों को जो भी आरक्षण मिला है वह भाजपा के साथ रहने के कारण नीतीश कुमार ने मजबूरी में दिया था. उन्होंने कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सभी नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्रों का आरक्षण का रोस्टर बना रहे थे, लेकिन तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने जानबूझकर आरक्षण का रोस्टर बनाए बिना ही नगर निकाय के चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करा दिए जिससे कि सभी बिहार की सीटें विवाद में पड़ जाएं.


इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानबूझकर पिछड़ा, अति पिछड़ा को धोखा दिया. उन्होंने सवालियया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि आयोग गठन करने की जिम्मेदारी किसकी थी. उन्होंने सवाल करते हुए यह भी कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि बिना तैयारी के चुनाव प्रक्रिया क्यों शुरू किया गया.


(इनपुट: आईएएनएस)