JDU issued whip against Harivansh: एक तरफ बिहार में भाजपा और जदयू के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है. दोनों सियासी दल कभी एक दूसरे के सबसे अच्छे सहयोगी थे और अब दोनों के नेता एक दूसरी पार्टी के नेता के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. वहीं दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच छिड़ी पॉवर जंग पॉलिटिक्स में अब विपक्षी दलों में से एक जदयू ने अपनी पार्टी के नेता हरिवंश के खिलाफ भी व्हिप जारी कर दिया है. 


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आपको बता दें कि हरिवंश इस समय राज्यसभा के उपसभापति हैं. बता दें कि आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार के विधेयक को राज्यसभा में विपक्ष के सहारे गिराने की उम्मीद पाले बैठे हैं. ऐसे में पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से अध्यादेश जारी करने का दांव चला जा रहा है.


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बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से लोकसभा के अपने सभी सांसदों को 13 अगस्त तक सदन में मौजूद करने को लेकर व्हिप जारी किया है.  बता दें कि इस व्हिप को गुरुवार से प्रभावी बना दिया गया है और इसके साथ ही पार्टी ने सभी सांसदों को सोमवार तक तीन कार्य दिवसों के लिए सदन में उपस्थित रहने को कहा है. वहीं विपक्षी गठबंधन INDIA के घटक दल में से एक जदयू ने भी अपने सभी राज्यसभा सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को लेकर व्हिप जारी किया गया है. 


बता दें कि जेडीयू ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश समेत सभी सदस्यों को वोटिंग के दौरान राज्यसभा में उपस्थित रहने को कहा है और साथ ही पार्टी का जो स्टैंड है उसका पालन करने को कहा है. अब जदयू की तरफ से हरिवंश को भी व्हिप जारी होने के बाद से एक अलग बहस शुरू हो गई है. 


अब आपको बता दें कि इस तरह के व्हिप के दायरे से केवल सभापति बाहर रहते हैं. ऐसे में सदन के आसन पर कोई व्हिप लागू नहीं होता है. क्योंकि सांसद के आसन पर बैठा किसी दल का सदस्य नहीं होता है. ऐसे में हरिवंश अगर वोटिंग के दौरान आसन पर नहीं होंगे तो जेडीयू के व्हिप के दायरे में होंगे. 


ऐसे में जदयू के व्हिप से हरिवंश एक ही तरीके से बच सकते हैं अगर वह वोटिंग के दौरान आसन पर मौजूद हों. वहीं पार्टी के व्हिप के अनुसार अगर हरिवंश सदन में आसन पर भी होंगे तो भी पार्टी के व्हिप का पालन करेंगे क्योंकि पार्टी की तरफ से सदन में मौजूद रहने को लेकर व्हिप जारी किया गया है. 


वैसे संसद में इस समय जो हालात नजर आते हैं उसको गौर से देखें तो आपको पता चलेगा कि राज्यसभा का सभापति बनाए जाने के बाद से जगदीप धनखड़ राज्यसभा में सक्रियता पूरी नजर आती है. ऐसे में वोटिंग के समय हरिवंश का सदन के आसन पर होने की संभावना कम ही है. 


हालांकि नए संसद भवन के उद्घाटन में हरिवंश के शामिल होने के बाद से ही नीतीश के साथ उनके रिश्तों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में इस व्हिप के जारी होने के बाद इन कयासों को और हवा मिल गई है.