पटना: Kela Ped Pooja Vidhi: सनातन परंपरा में केले के पेड़ की पूजा का भी विधान है. कहा जाता है कि इस वृक्ष में बृहस्पति देव यानी भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसके साथ ही यह हरिहर स्वरूप भी है. हरिहर यानी इसमें हरि यानी विष्णु और शिव यानी कि महादेव दोनों निवास करते हैं. केले के पेड़ के पत्ते श्री राम और हनुमान दोनों का ही स्वरूप हैं.


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ये है रोचक कथा
एक बार माता सीता सभी को भोजन करा रही थीं. श्रीराम भोजन कर रहे थे, हनुमान जी खड़े थे. श्रीराम ने उनसे भी साथ बैठ कर भोजन करने को कहा. पहले तो हनुमान जी ने मना किया, लेकिन उनके फिर से कहने पर प्रभु आज्ञा मानकर वह बैठ गए. लेकिन, भोजन के लिए केले के पत्ते का इंतजार करने लगे. जब पत्तल आने में देर होने लगी तो तो श्रीराम ने उसी केले के पत्ते पर बीच में उंगली से रेखा खींच दी. कहते हैं कि केले के पत्ते में जो बीच में धार होती है, उससे पत्ते के 2 भाग होते हैं. एक भाग श्रीराम और दूसरा हिस्सा हनुमान का कहलाता है.


ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा
बृहस्पतिवार व्रत का लाभ लेने के लिए भी सही तरीके से पूजा करना बेहद जरूरी है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा वाले स्थान को साफ कर लें. इसके बाद घर में ही भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर केले के पेड़ की पूजा करें.


इस स्थिति में न चढ़ाएं जल
ध्यान रखने वाली बात यह है कि अगर केले का पेड़ घर में ही लगा है तो उसमें जल न चढ़ाएं. अगर कहीं खुले में केले का पेड़ लगा है तो उसकी जड़ों में जल चढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही चने की दाल, गुड़, चावल, पीले फूल और हल्दी की एक गांठ केले के पेड़ पर चढ़ाकर इस वृक्ष की पूजा करें.


आती है सुख समृद्धि
केले के पेड़ की विधिवत पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसका उन लोगों को खास लाभ मिलता है, जिनकी शादी में रुकावट आ रही हो. केले पेड़ को शुभता और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है. इसलिए इसकी पूजा करने वाले लोग से धन-धान्य से परिपूर्ण रहते हैं.