पटना: Kela Ped Pooja Vidhi: सनातन परंपरा में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का माना जाता है. इस दिन घरों में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, साथ ही इस दिन केले के पेड़ की पूजा भी करनी चाहिएय. मान्यता है कि इस वृक्ष में बृहस्पति देव यानी भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसके साथ ही यह हरिहर स्वरूप भी है. हरिहर यानी इसमें हरि यानी विष्णु और शिव यानी कि महादेव दोनों का स्थान है. कुंडली में बृहस्पति ग्रह में अगर दोष होता है तो गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा से यह दोष दूर हो जाता है.


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केले का पत्ता श्रीराम और हनुमान का स्वरूप
केले का पत्ता भगवान राम और हनुमान जी का सम्मिलित स्वरूप है. इसकी एक रोचक कथा भागवत में सुनाई जाती है. एक बार माता सीता सभी को भोजन करा रही थीं. श्रीराम भोजन कर रहे थे, हनुमान जी खड़े थे. श्रीराम ने उनसे भी साथ बैठ कर भोजन करने को कहा. पहले तो हनुमान जी ने मना किया, लेकिन उनके फिर से कहने पर प्रभु आज्ञा मानकर वह बैठ गए. लेकिन, भोजन के लिए केले के पत्ते का इंतजार करने लगे. जब पत्तल आने में देर होने लगी तो तो श्रीराम ने उसी केले के पत्ते पर बीच में उंगली से रेखा खींच दी. कहते हैं कि केले के पत्ते में जो बीच में धार होती है, उससे पत्ते के 2 भाग होते हैं. एक भाग श्रीराम और दूसरा हिस्सा हनुमान का कहलाता है.


ऐसे करें केले के पेड़ की पूजा
बृहस्पतिवार व्रत का लाभ लेने के लिए भी सही तरीके से पूजा करना बेहद जरूरी है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा वाले स्थान को साफ कर लें. इसके बाद घर में ही भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर केले के पेड़ की पूजा करें.कहीं खुले में केले का पेड़ लगा है तो उसकी जड़ों में जल चढ़ाएं. चने की दाल, गुड़, चावल, पीले फूल और हल्दी की एक गांठ केले के पेड़ पर चढ़ाकर इस वृक्ष की पूजा करें.


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