Liver Transplant: छिपकली की पूंछ की तरह मनुष्य के शरीर का बढ़ता है यह अंग
Liver Transplant: लीवर शरीर के भीतर एक ऐसा अंग है जो अगर कट जाए तो फिर से बन जाता है. इसमें रीजनरेशन के गुण होते हैं, जिससे यह कोशिकाएं बहुगुणित हो जाती हैं और खराब हुआ ऊतक फिर से बनता है. इसके कारण लीवर खुद को पूरी तरह से बना सकता है और शरीर को जहरीले तत्वों से छानने और पोषक तत्वों को इकट्ठा करने में मदद करता है.
Liver Transplant : इस दुनिया में कई जीव हैं जो अपने शरीर के अंगों को त्याग कर उन्हें फिर से उगा या बना लेते हैं. इसमें छिपकली एक उदाहरण है. छिपकली की पूंछ अगर कभी कट जाए, तो वह कुछ दिनों में उसे फिर से उगा लेती है. सांप भी अपनी स्किन को बदलता है और केकड़ा अपनी खोल के साथ भी ऐसा करता है. यही गुण हमारे शरीर में भी होते हैं, जैसा कि लीवर के बारे में बताया जा रहा है.
बता दें कि लीवर शरीर के भीतर एक ऐसा अंग है जो अगर कट जाए तो फिर से बन जाता है. इसमें रीजनरेशन के गुण होते हैं, जिससे यह कोशिकाएं बहुगुणित हो जाती हैं और खराब हुआ ऊतक फिर से बनता है. इसके कारण लीवर खुद को पूरी तरह से बना सकता है और शरीर को जहरीले तत्वों से छानने और पोषक तत्वों को इकट्ठा करने में मदद करता है.
लेकिन कुछ मामलों में जैसे कि सिरोसिस, लीवर अपना पुनर्निर्माण नहीं कर पाता है. ऐसे मामलों में लोगों को लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति का स्वस्थ लीवर प्रदान किया जाता है. इससे व्यक्ति को नए लीवर की आपूर्ति होती है और उन्हें नॉर्मल जीवन की वापसी हो सकती है. इस प्रकार छिपकली और अन्य जीव अपने शरीर के अंगों को पुनर्निर्माण करने में सक्षम होते हैं और हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लीवर भी इसमें समर्थ है.
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