Maa Durga Mantra: नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और इस दिन कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. इस नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है. माना जाता है कि नवरात्रि के समय मां दुर्गा धरती पर आती हैं और भक्तों के सभी दुखों को हरती हैं. इस समय की गई पूजा से घर में सुख-शांति, धन और समृद्धि आती है.


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यहां कुछ खास मंत्र दिए गए हैं, जिन्हें आप नवरात्रि के दौरान जाप कर सकते हैं.


रोगों से मुक्ति के लिए: ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।


शक्ति प्राप्ति के लिए: या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


धन प्राप्ति के लिए: या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


आत्म संतुष्टि के लिए: या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


ममता और आशीर्वाद के लिए: या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


बुद्धि प्राप्ति के लिए: या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


शांति के लिए: या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।


सर्व कार्य सिद्धि के लिए: सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।


आचार्य मदन मोहन के अनुसार नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 108 नामों का रोज पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. मां के ये नाम विशेष महत्व रखते हैं और इन्हें नियमित रूप से जाप करने से भक्तों को सुख-शांति, समृद्धि और सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है.


मां दुर्गा के कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं
सती, साध्वी, भवप्रीता, सर्वविद्या, भवानी, दक्षकन्या, भवमोचनी, दक्षयज्ञविनाशिनी, आर्या, अपर्णा, दुर्गा, अनेकवर्णा, जया, पाटला, आद्या, पाटलावती, त्रिनेत्रा, पट्टाम्बरपरिधाना, शूलधारिणी, कलमंजरीरंजिनी, पिनाकधारिणी, अमेयविक्रमा, चित्रा, क्रूरा, चंद्रघंटा, सुंदरी, महातपा, सुरसुंदरी, मन, बुद्धि, वनदुर्गा, अहंकारा, मातंगी, चित्तरूपा, मतंगमुनिपूजिता, चिता, ब्राह्मी, चिति, माहेश्वरी, सर्वमंत्रमयी, ऐंद्री, सत्ता, कौमारी, सत्यानंदस्वरुपिणी, वैष्णवी, अनंता, चामुंडा, भाविनी, वाराही, भव्या, लक्ष्मी, अभव्या, पुरुषाकृति, सदागति, विमला, शाम्भवी, उत्कर्षिनी, देवमाता, ज्ञाना, चिंता, क्रिया, रत्नप्रिया, नित्या, मुक्तकेशी,  बुद्धिदा, घोररूपा, बहुला, महाबला, बहुलप्रिया, अग्निज्वाला, सर्ववाहनवाहना, रौद्रमुखी, निशुंभशुंभहननी, कालरात्रि, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, तपस्विनी, अनेकास्त्रधारिणी, नारायणी, कुमारी, भद्रकाली, एककन्या, विष्णुमाया, कैशोरी, जलोदरी, युवती, शिवदुती, यति, कराली, अनंता, अप्रौढ़ा, परमेश्वरी, प्रौढ़ा, कात्यायनी, वृद्धमाता, सावित्री, बलप्रदा, प्रत्यक्षा, ब्रह्मावादिनी और महोदरी आदि.


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