पटनाः Mahashivratri Jal Abhishek: शिवरात्रि आ चुकी है. श्रद्धालु इस वक्त महादेव को प्रसन्न करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महादेव की महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. इस बार शिवरात्रि के दिन प्रदोष व्रत भी है. ऐसे में इस व्रत का महालाभ मिलने वाला है. कहते हैं कि आप सालभर भी अगर सोमवार को जल न चढ़ा सकें, लेकिन सिर्फ शिवरात्रि के दिन महादेव पर एक लोटा जल अर्पित करते हैं तो यह आपको संपूर्ण फल प्रदान करती है. शिवरात्रि के पर्व पर महादेव को कैसे चढ़ाएं जल, जानिए यहां


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यह है शिवलिंग पर अभिषेक का नियम
वैसे तो महादेव भोले नाथ हैं और उनकी पूजा में सिर्फ आपकी भक्ति का होना जरूरी है, इसके अलावा कुछ नहीं, फिर भी महादेव शिव की सरल सी भक्ति करने के लिए भी कुछ खास नियम हैं. जैसे कि यह नियम बहुत जरूरी है कि आप महादेव के जल कैसे अर्पित करें, यह जानना जरूरी है. इन नियमों, जलाभिषेक का तरीका, जल अभिषेक करने की मुद्रा और जल अर्पण करने का पात्र भी शामिल हैं. शिवजी को जल चढ़ाते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 


दूध चढ़ाने का यह है नियम
जब आप शिवजी को जल चढ़ाएं तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि उन्हें किस पात्र से जल चढ़ाया जा रहा है. शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. कांसे या चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी आपके लिए लाभदायक है. लेकिन ध्यान दीजिए कि शिवजी पर किसी स्टील के बर्तन से जल का अभिषेक नहीं करना चाहिए. जलाभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए.


खड़े होकर न करें अभिषेक
अगर आप शिवजी पर दूध चढ़ाने जा रहे हैं तो कभी भी तांबे के बर्तन से शिवलिंग पर दूध का अभिषेक नहीं करना चाहिए. तांबे के बर्तन से दूध का अभिषेक करना भी अशुभ माना जाता है. दरअसल, तांबे की धातु की प्रकृति के कारण दूध विष हो जाता है. महादेव को जलाभिषेक करते समय शांत मन से धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा बैठकर जल चढ़ाएं. खड़े होकर महादेव को जल चढ़ाने से इसका पुण्य फल भी नहीं मिलता है.