Malmaas Amavasya: आनेवाली है मलमास की अमावस्या, भोलेनाथ पर 4 चीजें अर्पित कर पाएं पितृदोष से मुक्ति
भगवान शिव का सबसे प्यारा और पावन महीना सावन चल रहा है. इस बार 19 साल बाद सावन के महीने में मलमास या अधिकमास पड़ा है. ऐसे में सावन का अधिकमास वाला महीना अभी चल रहा है. जिसकी अमावस्या 15-16 अगस्त को है.
Malmaas Amavasya Upay: भगवान शिव का सबसे प्यारा और पावन महीना सावन चल रहा है. इस बार 19 साल बाद सावन के महीने में मलमास या अधिकमास पड़ा है. ऐसे में सावन का अधिकमास वाला महीना अभी चल रहा है. जिसकी अमावस्या 15-16 अगस्त को है. शिव के भक्तों को इस बार एक साथ सावन के महीने में ही भगवान भोलेनाथ के साथ ही भगवान श्री हरिनारायण विष्णु की विशेष कृपा पाने का भी मौका मिला है. क्योंकि अधिक मास या मलमास का महीना भगवान विष्णु का बेहद पसंदीदा महीना है. ऐसे में आपको बता दें कि इस मलमास महीने की अमावस्या को कुछ खास चीजें करके या इस विशेष उपाय को करके आप पितृदोष या पितृ ऋण से मुक्ति पा सकते हैं.
अगर आपकी कुंडली में भी पितृदोष या पितृ ऋण नजर आ रहा है और आप इसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आपके जीवन में भी कई तरह के उतार-चढ़ाव आ रहे हैं. आपके जीवन में और आपके परिवार की उन्नति बाधित हो गई है, शांति समाप्त हो गई है, आप और आपका परिवार रोग, दुख और संकटों से घिरा रह रहा है तो आपको इस मलमास की अमावस्या को शिवलिंग पर इन चार चीजों को अर्पण करना चाहिए जिससे आपको पितृदोष या पितृ ऋण से मुक्ति मिलेगी.
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अमावस्या की तिथि और खासकर इस बार सावन अधिक मास महीने की अमावस्या की तिथि को पवित्र नदी में स्नान करना, दान करना और पितरों के नाम तर्पण करना श्रेष्ठकर बताया गया है. इस दिन शिव की पूजा कर आप अपने जीवन में कालसर्प दोष से हो रहे कष्ट से भी मुक्ति पा सकते हैं.
वैसे आपको बता दें कि भगवान भोलेनाथ को पितृ प्रधान माना गया है. ऐसे में उनकी पूजा अर्चना से पितरों को मुक्ति का मार्ग मिलता है. ऐसे में इस अधिकमास वाले सावन महीने की अमावस्या तिथि को अगर आप भगवान शिव कि शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और शमी के पत्ते के साथ कनेर का फूल अर्पित कर दें तो आपके जीवन में आनेवाली सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी और आपके पितरों को मुक्ति मिलने के साथ ही आपको पितृदोष से भी मुक्ति मिलेगी.
इस दिन आपको शिवलिंग पर तिल चढ़ाना चाहिए इससे पितर प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही उन्हें मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. इस दिन आप किसी पवित्र नदी में स्नान कर पितरों का तर्पण करके देखें आपके जीवन में आ रही सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी.