Manish Kashyap: बिहारियों के साथ तमिलनाडु में हो रहे अत्याचार की खबरों को लेकर जारी बवाल के बीच दोनों ही राज्य की सरकारों ने इस खबर को गलत बताया था और इस मामले में कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. बता दें कि इसी मामले में भ्रामक सूचना फैलाने और गलत खबर चलाने के लिए 'सच तक' यूट्यूब चैनल के मनीष कश्यप पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था. बता दें कि मनीष के खिलाफ बिहार में 13 और तमिलनाडु में 14 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद से ही मनीष फरार चल रहे थे लेकिन जैसे ही मनीष के घर पर पुलिस की टीम कुर्की-जब्ती के लिए पहुंची मनीष ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद मनीष को EOU ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया. मनीष के खिलाफ EOU में भी 3 मामले दर्ज हैं. 


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ऐसे में मनीष से पूछताछ के लिए EOU को पहले 24 घंटे और यह वक्त खत्म होने के बाद फिर 4 दिन का समय मिल गया. आज ही मनीष की रिमांड खत्म होनेवाली है और उसे कोर्ट में पेश किय जाना है. ऐसे में सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान EOU मनीष के मोबाइल फोन की तलाश करती रही और उससे इसके बारे में पूछताछ करती रही. ऐसे में जानना बेहद दिलचस्प है कि आखिर मनीष के इस मोबाइल में ऐसा क्या राज दफन है जिसे खोदकर निकालने को ईओयू बेताब है. आज वैसे रिमांड खत्म होते ही उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा. 


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आर्थिक अपराध इकाई मनीष कश्यप से लगातार उनके मोबाइल के बारे में जानकारी लेना चाह रही है लेकिन वह इसके बारे में कुछ सही नहीं बता रहा है. जबकि EOU उससे अहम सबूत जुटाने में लगी है. जांच में मोबाइल के जरिए एजेंसी पता करना चाहती है कि घटना से जुड़े कौन-कौन से अहम सबूत उसके डिवाइस में हैं और मनीष कश्यप ने किन-किन लोगों से अपने मोबाइल पर बात की है.


मनीष ने मोबाइल के बारे में पूछे जाने पर आर्थिक अपराध इकाई को बताया कि उसका मोबाइल नोएडा के एक किराए के मकान में रखा है. हालांकि उसके बाद से ही नोएडा, सोनीपत और दिल्ली टीम उसके मोबाइल की तलाश कर रही है. लोग मनीष को जानने वालों से भी पूछताछ कर रही है. EOU का दावा है कि मनीष के इस मोबाइल में कई अहम सबूत हैं. अधिकारी मान रहे हैं कि जानबूझकर वह अपने मोबाइल की जानकारी छुपा रहा है. 


सूत्रों की मानें तो आर्थिक अपराध इकाई मनीष के जिस मोबाइळ को ढूंढ रही है उसके बारे में कहा जा रहा है कि उसी से वीडियो बनाई गई थी. इसमें मनीष ने किस-किससे बात की उशकी जानकारी भी हासिल की जा सकती है. मोबाइल से उनके नाम सामने आ सकते हैं जो इस पूरे मामले में शामिल थे. मनीष EOU में पूछताछ के दौरान लगातार मोबाइल फोन के बारे में जानकारी देने में आनाकानी कर रहा है. मनीष को ट्रांजिट रिमांड के लिए तमिलनाडु पुलिस ने भी अदालत में याचिका दी है. ऐसे में आज क्या होगा यह तो फैसले के बाद ही पता चलेगा.