Mann ki baat 100th episode: PM मोदी को भा गया बिहार-झारखंड की इन हस्तियों का गुडवर्क, मन की बात का बनाया हिस्सा
पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का कल रविवार 30 अप्रैल को 100वां एपिसोड प्रसारित होनेवाला है. ऐसे में मन की बात कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मोदी क्या कहेंगे इसको सुनने के लिए लोग उत्सुक हैं.
Mann ki baat 100th episode: पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का कल रविवार 30 अप्रैल को 100वां एपिसोड प्रसारित होनेवाला है. ऐसे में मन की बात कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मोदी क्या कहेंगे इसको सुनने के लिए लोग उत्सुक हैं. पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को सुनने की तैयारी भाजपा की तरफ से देश के हर हिस्से में भव्य तरीके से की जा रही है. इसको लेकर भाजपा ने बिहार और झारखंड में खास तैयारी की है. ऐसे में आपको बता दें पीएम मोदी के अभी तक प्रसारित मन की बात कार्यक्रम के 99 एपिसोड में बिहार और झारखंड के कई हस्तियों का जिक्र किया गया. ऐसे में कह सकते हैं कि बिहार और झारखंड की इन हस्तियों का गुडवर्क पीएम मोदी के मन को भा गया.
आपको बताते हैं कि आजतक पीएम मोदी ने बिहार और झारखंड जिन लोगों का अपने कार्यक्रम में जिक्र किया है वह कौन-कौन हैं. पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में झारखंड के रांची के बुंडू अनुमंडल के बम्बू क्लस्टर का जिक्र किया था. इसको लेकर पीएम ने तारीफ करते हुए कहा था कि यह ग्रामीण भारत के आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक कदम है. यहां बांस के बने सामानों को त्रिपुरा की तर्ज पर तैयार किया जाता है.
वहीं लेमन ग्रास के जरिए लिख रहीं आत्मनिर्भरता की कहानी में झारखंड की गुमला की महिलाओं का भी पीएम मोदी ने मन की बात में जिक्र किया था. गुमला के बिशुनपुर में लेमन ग्रास की खेती में लगी ग्रामीण महिला ने इसे कमाई का जरिया बनाया और इससे अच्छी खासी कमाई कर रही हैं.
वहीं पीएम मोदी ने झारखंड के सरायकेला की स्नेहलता चौधरी का भी जिक्र किया था. ये वहीं स्नेहलता चौधरी हैं जिन्होंने अपना शरीर दान किया ताकि उनकी मौत के बाद कई लोगों को नया जीवन मिल सके. पीएम ने उन्हें ईश्वर कहा था. इसके साथ ही झारखंड के चाईबासा जिले के रहने वाले 'लाइब्रेरी मैन'संजय कच्छप का भी जिक्र पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में किया था. 2004 में उन्होंने पहली लाइब्रेरी खोली थी. आज वह 40 लाइब्रेरी चलाते हैं. जिसमें 24 डिजिटल लाइब्रेरी भी शामिल है. जरूरतमंद और गरीब बच्चों के पढ़ने के लिए पुस्तकें यहां मौजूद हैं.
पीएम मोदी ने झारखंड का राजधानी की महिलाओं में शोभा दीदी समूह की महिलाओं की तारीफ की थी जो वेस्टेज समान से इको फ्रेंडली गुड़िया बनाती हैं. पीएम मोदी ने इसे मेक इन इंडिया से भी जोड़कर तारीफ की थी.
पीएम मोदी ने बेतिया बिहार के रहनेवाले प्रमोद का भी जिक्र किया जो दिल्ली में LED Bulb बनाने वाली Factory में एक Technician के रूप में काम करते थे. कोरोना काल में वह लौटे तो इस बल्ब बनाने की एक छोटी-सी unit ही शुरू कर दी. उन्होंने यहां के लोगों को जोड़ा और आज वह बेहतरीन काम कर रहे हैं.
बिहार के पूर्णिया जिले के धमदाहा की जीविका दीदियों की तारीफ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की. इस गांव की महिलाएं शहतूत या मूलबेरी के पेड़ पर रेशम के कीड़ों से कोकून तैयार करती थी. अब सरकार के सहयोग से मालबरी उत्पादन समूह बनाए और रेशम का धागा तैयार किया. फिर इन धागों से साड़ियां बनानी शुरू कर दी.
वहीं बिहार के मधुबनी जिले के एक गांव का जिक्र करते हुए भी मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि डॉ राजेंद्र प्रसाद कृषि विवि मधुबनी बिहार और कृषि विज्ञान केंद्र समस्तीपुर ने मिलकर "सुखेत मॉडल" की शुरुआत की है, इस मॉडल से गाँव प्रदूषण व गन्दगी से मुक्त होता है, रसोई गैस सिलिंडर के लिए पैसे मिल जाते हैं और गाँव के किसानों को जैविक खाद भी उपलब्ध हो जाती है.
पीएम मोदी ने तारापुर के उन आजादी के बलिदानी युवकों का जिक्र अपना कार्यक्रम में किया था जिन्होंने 15 फरवरी 1932 को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ तारापुर थाने पर लगे अंग्रेजों के झंडे को उतार कर फेंक दिया था और तिरंगा फहरा दिया था. इसी स्थल पर आज तारापुर थाना भी है. इसमें 34 युवकों की जान अंग्रेजों की गोलियों की वजह से चली गई थी. इस घटना के बारे में नमो एप के जरिए पीएम मोदी तक बिहार के
मुंगेर जिले के रहनेवाले जयराम विप्लव ने जानकारी दी थी. इसके साथ ही राजेंद्र प्रसाद के गांव से सीवान की रहनेवाली प्रियंका पांडेय ने जानकारी पहुंचाई थी जिसका पीएम ने जिक्र भी किया था.
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कुपोषण को रोकने के लिए गिरिडीह जिले में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की तारीफ की थी. कुपोषण के रोकथाम को लेकर सांप - सीढ़ी खेल के जरिये जागरूकता अभियान चलाने को सराहा था. इसके साथ ही पीएम ने बिहार के पश्चिम चंपारण के थारू समुदाय के प्रकृति प्रेम और इस प्रेम के कारण लगाए जाने वाले लॉकडाउन की चर्चा भी की थी. थारू समाज के लोग हर साल सावन माह के अंतिम सप्ताह में 60 घंटे का लॉकडाउन करते हैं.
एलोवेरा विलेज के रूप में चर्चित झारखंड का देवरी गांव का भी पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में जिक्र किया था. रांची से करीब 25 किलोमीटर दूर नगड़ी प्रखंड के देवरी गांव की महिलाओं की प्रशंसा की थी. मंजू कच्छप ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से एलोवेरा की खेती का प्रशिक्षण लिया और आज वह एलोवेरा विलेज बनाने में कामयाब रही.