Motihari: मोतिहारी को अतिक्रमण मुक्त बनाने और सौन्दर्यीकरण का सपना मोतिहारीवासी अरसे से संजोए हुए हैं. अब लगता है कि लोगों का ये सपना जल्द साकार हो सकता है. इसे लेकर हाईकोर्ट से एक अच्छी खबर आई है. दरअसल मोतीझील को अतिक्रमण मुक्त करने और इसके सुन्दरीकरण को लेकर लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट ने जो आदेश पारित किया है, उससे उम्मीद बढ़ी है कि जल्द ही मोतीझील का कायाकल्प हो सकेगा.


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अधिवक्ता कुमार अमित ने दी जानकारी


मोतिहारी के हृदयस्थली में स्थित मोतीझील जैसी प्राकृतिक संपदा के संरक्षण के लिए पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता कुमार अमित ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई थी. इसका मकसद था मोतीझील का कालाकल्प करना, इसे अतिक्रमण मुक्त बनाना और इसे पर्यटन के हिसाब से विकसित करना. याचिका में अमित कुमार ने मोतीझील के प्राकृतिक प्रवाह के रास्ते में आए अतिक्रमण, शहर के नाले का अनट्रीटेड पानी और मेडिकल कचरे को झील में फेंकने की तरफ हाईकोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया था. जनहित याचिका में जलकुंभी और मोतीझील के लगातार घटते क्षेत्रफल और प्रदूषण जैसी बातें भी उठाई गईं. इसमें भारत सरकार एवं बिहार सरकार के नगर विकास, जल संसाधन विभाग और वन विभाग को वादी बनाया गया था.


HC ने गंभीरता से लिया मामला


हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. उच्च न्यायालय पटना के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इसे लेकर एक अंतरिम आदेश पारित किया है. इसमें नगर निगम मोतिहारी की तरफ से मोतीझील से अतिक्रमण हटाने एवं झील की सफ़ाई को लेकर जो हलफनामा दायर किया गया था उसपर हाईकोर्ट ने असंतोष जाहिर किया. इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और प्रशासन को मोतीझील को अतिक्रमण मुक्त कराने, जीर्णोद्धार करने संबंधी तमाम पहलू पर बैठक कर 2 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है.


इस मामले में याचिकाकर्ता कुमार अमित मोतिहारी के प्रधान पथ के रहने वाले हैं और पटना हाईकोर्ट में वकील हैं. उनके मुताबिक ''मोतीझील को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए और सौन्दर्यीकरण के लिए एक PIL याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई हुई है. इसकी याचिका संख्या है 3876/2022 है. इसमें माननीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के द्वारा कुछ आदेश पारित किए गए हैं जो काफी सार्थक साबित होंगे. 


माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा ये कहा गया है कि जो अतिक्रमण को हटाने की बात है उसपर बहुत कुछ अभी नहीं हो पाया है, वो करने की जरूरत है. साथ ही साथ सफाई वगैरह को लेकर भी जो कार्यक्रम चल रहे हैं, उसमें भी गति लाने की जरूरत है. इसके तहत माननीय उच्च न्यायालय के उच्च न्यायधीश के द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि वो मुख्य तौर पर प्रिंसपल सेक्रेट्री अर्बन डवलपमेंट और प्रिंसिपल सेक्रेट्री टूरिज्म, वाटर रिसोर्सेस डिपार्टमेंट इन सभी के साथ एक मीटिंग करेंगे और जल्दी से जल्दी इस कार्यक्रम को ढंग से क्रियान्वित करें ताकि मोतीझील का सौन्दर्यीकरण हो सके और इस संबंध में 2 सप्ताह के अंदर उनके द्वारा हलफनामा दायर किया जाना है. इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर 2022 को होगी.''


मोतीझील को लेकर 4 मार्च 2022 को जनहित याचिका लगाई गई थी. इसे लेकर अब मोतिहारी वासीयों को उम्मीद है कि जल्द ही मोतीझील का कायाकल्प किया जाएगा और इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जा सकेगा.