Bihar News: इ तो राजनीतिये है ना यहां तो बड़ा मर्यादा में रहना पड़ता है जी!...अरे आप पत्रकार लोग तो सब जानते हीं हैं...कब कब हम सरकार में रहके इस समाज के बिकास के लिए केतना काम किए हैं...किसी से छुपा है जी...अरे सभे तो आपलोग जानबे ना करते हैं...बिहार में जाति जनगणना कराने के बारे में 1990 से सोचे आ रहे थे...करा दिए...कुछ तो समझ में आएगा...इस अंदाज को पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि लिख भले हम रहे हैं...लेकिन बोल बिहार के सीएम साहब के हैं.


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अरे हां! नीतीसे कुमार...बिहार सरकार के मुखिया...का ही बताएं जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बड़ा चिंता में दिखते थे भाई...अरे बताएं का आपको एकदम परेशान..इ लड़का-लड़की जो शादी के बाद अचानक रात में करने लगते हैं ना...इसको लेकर खूब घबराए हुए से रहते हैं...अरे क्यों नहीं परेशान हों...पता नहीं इ युवा लोग CM साहब की सोचते ही नहीं... रात में जाने क्या-क्या कर बैठते हैं कि...आबादिए बढ़ा दे रहे हैं...


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चलिए सीएम साहेब की चिंतवा भी तो देखिए...ऐतना चिंतित हैं कि सदन में यही बात कहते-कहते ऐसा इशारा करने लगे कि पास बैठे पुरुष नेता मुंहवा दाबकर खिलखिला रहे थे और महिला नेताओं का गर्दनवें ना शर्म से झुका रह गया था...
 
दरअसल सदन के भीतर जनसंख्या नियंत्रण और स्त्रियों की शिक्षा पर नीतीश कुमार समझाने की जो कोशिश कर रहे थे. उनके हाव-भाव ने सदन में बैठे सभी लोगों को असहज कर दिया. दरअसल नीतीश जी को लग रहा है कि बिहार में साक्षरता बढ़ी है. ऐसे में उनको साफ लग रहा है कि लड़की पढ़ लेगी तो जनसंख्या नियंत्रण में रहेगा.


मतलब सीएम साहब का कहना था कि लड़की पढ़ी लिखी रहेगी तो जब शादी होगी तो पुरुष जो रोज रात में करता है...भीतर ही... के बदले बाहर....के लिए बोलेगी...तो इससे जनसंख्या घटेगी... इस दौरान नीतीश कुमार के हावभाव ने बिहार की सियासत में एक बहस छेड़ दी है. हालांकि नीतीश के इस तरह के बयान पर महिला विधायक सदन में नाराज दिखीं.