Navratri 2022: सनातन परंपरा में स्त्री ज्ञान, संपदा, श्रद्धा और शक्ति का प्रतीक है. इसे ही तीन शक्तियों या फिर त्रिदेवियों के रूप में पूजा जाता है. ये तीन महा शक्तियां हैं. महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली. पुराणों में कथा आती है कि जब धरती पर दुष्टों का आतंक बढ़ जाता है तो इन्हीं तीन शक्तियों की परमशक्ति और देवताओं की आत्म शक्ति से एक कन्या का जन्म हुआ था. इसी कन्या ने महिषासुर, रक्तबीज, चंड-मुंड और दुर्गम जैसे असुरों का अंत किया. इसीलिए देवी को दुर्गा कहा गया है. 


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नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से
हिंदू पंचांग के अनुसार नवरात्र के नौ दिन इन्हीं देवी दुर्गा की आराधना के दिन हैं. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि से नवमी तिथि तक देवी की स्थापना, पूजा और अनुष्ठान का कार्यक्रम चलता है. यह नवरात्रि पितृ पक्ष के समापन के बाद ही शुरू हो जाते हैं. इस साल 2022 में शारदीय नवरात्रि सितंबर महीने  के अंत से शुरू हो रही है. सबसे ख़ास बात यह है कि इस साल नवरात्रि पूरे नौ दिन की पड़ रही है. इन दिनों भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत तरीके से पूजा अर्चना करते हैं. नवरात्रि के अंत में दशमी तिथि के दिन को दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है. नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है. 


5 अक्टूबर को मनाया जाएगा दशहरा
नवरात्र के ही साथ एक और कथा, जुड़ी है. यह कथा त्रेतायुग की है, जिसमें भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम ने रावण का वध किया था. रावण वध दसवें दिन हुआ और उसके दस सिर थे. इसलिए नवरात्र का दसवां दिन दशहरा नाम से जाना जाता है. इसी दिन देवी दुर्गा की विदाई भी होती है.  इस दिन जगह-जगह रावण दहन भी किया जाता है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष कि दशमी को विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष दशहरा 5 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.


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