Navratri 2024 5th Day, Maa Skandamata Aarti: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप मानी जाती हैं. इन्हें स्कंदमाता इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनकी गोद में भगवान स्कंद (कार्तिकेय) विराजमान होते हैं. माता की आराधना करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है और माता अपने भक्तों की संतान को लंबी आयु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. नवरात्रि के इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना से व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होते हैं.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार मां स्कंदमाता की आरती के माध्यम से भक्त उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं. आरती के दौरान मां की महिमा और उनकी करुणा का गुणगान किया जाता है। उनकी आरती के बोल हैं.


'जय तेरी हो स्कंद माता,
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सबके मन की जानन हारी,
जग जननी सबकी महतारी।'


आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस आरती में मां स्कंदमाता की महिमा का वर्णन किया गया है और उन्हें हर समय याद रखने की प्रार्थना की जाती है. भक्त कहते हैं कि मां सबके कष्ट दूर करती हैं और उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है और इन्हें शक्ति और साहस की देवी माना जाता है। जो भक्त सच्चे मन से मां की पूजा करते हैं, उन्हें शक्ति और साहस का आशीर्वाद मिलता है। मां की पूजा में इस मंत्र का विशेष महत्व है:


'सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया,
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।'


साथ ही इस मंत्र के उच्चारण से मां की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है. नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख और घर में खुशहाली का वातावरण बना रहता है. मां स्कंदमाता की आराधना न केवल शारीरिक और मानसिक सुख प्रदान करती है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का मार्ग भी खोलती है. इसलिए नवरात्रि के पांचवें दिन मां की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है.


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