Shardiya Navratri: नवरात्रि में कन्या पूजन का खास महत्व है. कई लोग पूरी नवरात्रि में व्रत रखकर माता दुर्गा की पूजा करते हैं और हर दिन कन्या पूजन करते हैं. माना जाता है कि कन्या पूजन से माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है. कन्याओं को माता दुर्गा का स्वरूप माना गया है, इसलिए नवरात्रि में उनका पूजन विशेष माना जाता है.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस साल नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हुई है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. यदि कोई व्यक्ति हर दिन कन्या का पूजन नहीं कर सकता है, तो उसे नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि को 9 कन्याओं का पूजन करना चाहिए. इससे घर के संकट दूर होते हैं और माता दुर्गा खुश होती हैं.


इस साल अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर थोड़ी असमंजस है. अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी और 11 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर खत्म होगी. नवमी तिथि 11 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 52 मिनट के बाद शुरू होगी और 12 अक्टूबर भोर 05 बजकर 12 मिनट तक चलेगी. ज्योतिषाचार्य के अनुसार अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाना चाहिए. इस दिन सुबह 06 बजकर 52 मिनट के बाद हवन आदि कर सकते हैं और 09 से 10 बजे के बीच कन्या पूजन करना चाहिए.


कन्या पूजन के बाद कन्याओं को विदाई करते समय ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें पान खिलाने के बाद फल और दक्षिणा जरूर दें. इसके अलावा उन्हें श्रृंगार का सम्मान करते हुए लाल चुनरी अर्पित करके विदा करें. ऐसा करने से माता दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस प्रकार कन्या पूजन से नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती है.


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