पटना: बिहार में लगातार पुल, पुलियों की गिरने की घटना को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है. जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि विभाग द्वारा पुलों का सर्वे कराया जा रहा है. अगले 15 दिनों में 30 साल या उससे अधिक के पुराने पुलों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद उसकी स्थिति को देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे.


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उन्होंने कहा कि जो पुल कमजोर हो गए होंगे, उन्हें गिराकर नए पुल-पुलिया बनाए जाएंगे. पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने माना कि तीन और चार जुलाई को सीवान और सारण में जो पुल गिरे हैं, उनके निर्माण में लापरवाही बरती गई, जिससे नींव कमजोर हो गई. 


उन्होंने कहा कि अभी जांच जारी है. गिरे पुल ईंट से बने थे और पहले से ही नींव कमजोर थी. सीवान और सारण में ढहे पुलों, पथों के कुछ हिस्से बहुत पुराने थे. ऐसा लगता है कि इन संरचनाओं का निर्माण आवश्यक मानदंडों का पालन करते हुए नहीं किया गया. नींव पर्याप्त गहरी नहीं थी, जिस कारण बाढ़ के दौरान संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं.


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उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जल संसाधन विभाग नदियों पर पुल नहीं बनाता है. विभाग नहरों पर पुल बनाता है. अन्य विभागों द्वारा जो पुल बनाए जाते हैं, उसके रखरखाव के लिए भी बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक की है. इस बैठक में कई निर्णय लिए गए हैं. पुल बनाने में प्रक्रिया का पालन करने का निर्णय लिया गया है. विभागों द्वारा मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि पिछले दो दिनों में बिहार में कम से कम छह पुल, पुलिया गिरे या क्षतिग्रस्त हुए हैं.


INPUT: IANS