Gorakhpur Siliguri High Speed ​​Corridor: भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाले गोरखपुर-सिलीगुड़ी हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण की योजना बनाई है, जो इन राज्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह परियोजना 519 किलोमीटर लंबी होगी, और 32,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी. इसका निर्माण 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.


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इस हाई स्पीड एक्सप्रेस वे के निर्माण से इन तीनों राज्यों में आवागमन में सुधार होगा, साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. गोरखपुर से लेकर सिलीगुड़ी तक बनने वाला यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच एक मजबूत कनेक्टिविटी स्थापित करेगा. यह एक्सप्रेस वे बिहार के 9 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज शामिल हैं.


इस परियोजना के निर्माण के लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पहले ही सौंप दी गई है, और अब कार्य गति पकड़ चुका है. यह परियोजना भारत माला योजना के तहत बनाई जा रही है, जो देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन करती है. बिहार के लिए इसे एक गेम चेंजर परियोजना माना जा रहा है क्योंकि इससे न केवल राज्य की सड़क नेटवर्क में सुधार होगा, बल्कि व्यापार के नये रास्ते भी खुलेंगे.


गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की खासियत यह है कि इसका पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा, यानी यह नए मार्गों पर बनेगा, जहां पहले कभी सड़क नहीं थे. इस परियोजना के पूरा होने से इन राज्यों के आर्थिक विकास में तेजी आएगी और लोगों के बीच संपर्क मजबूत होगा.


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