पटना : Shami Plant: शक्ति की उपासना का त्योहार अभी संपन्न हुआ है. आप ने इस पूजा के दौरान दो पौधों के बारे में सुना होगा जिसका इस पूजा में विशेष महत्व होता है. एक तो अपराजिता जिसके पुष्प के बारे में कहा जाता है कि यह मां को अत्यंत पसंद और प्रिय है. वहीं दूसरा शमी का पौधा. वैसे आप शमी का नाम सुनकर थोड़ा सा चौंक गए होंगे. क्योंकि ज्यादातर लोग इस बात को केवल जानते हैं कि शनि ग्रह के लिए लोग शमी के पौधे के पूजा करते या इसे घर में लगाकर रखते हैं. लेकिन कम लोग जाते होंगे कि शमी का पौधा भगवान शिव को भी प्रिय है और साथ ही मां शक्ति को भी. 


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ग्रंथों की मानें तो शमी के पौधे के नीचे शस्त्र रखकर मां शक्ति के पूजा के दौरान उनको पूजा जाता है. इन शस्त्रों का धूप, दीप, मिठाई चढ़ाकर आरती कर पंचोपचार अथवा षोडषोपचार किया जाता है. क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि 
'शमी शम्यते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी।
अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी।।
करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता।।'

यानी कि हे इस शमी वृक्ष को सभी पापों का नाश करनेवाला और दुश्मनों को हराने वाला माना गया है. मान्यता है कि इसने ही शक्तिशाली अर्जुन का धनुष धारण किया था. साथ ही यह पौधा प्रभु श्रीराम को भी अतिप्रिय था. ऐसे में इसकी पूजा से इनकी कृपा आप पर बनी रहती है. वह हमें सच और जीत के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं. साथ ही जीत के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करके हमें जीत दिलाते हैं. 


शमी के पौधे की गिरी पत्तियों को रखें पास होगा ये फायदा 
कहते हैं कि शमी के पौधे से तोड़कर नहीं बल्कि गिरी पत्तियों को पूजा के बाद उठाकर अपने पास लाल कपड़े में बांधकर रखने से आपके जीवन की तमाम परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में दुश्मनों से छुटकारा मिलता है. 


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