राम मंदिर, मानस की निंदा करने वाले दल अगली लोकसभा में लुप्त हो जाएंगे: सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तीन हिंदी भाषी राज्यों में इंडी गठबंधन को राम मंदिर और सनातन धर्म के विरोध का परिणाम झेलना पड़ा, फिर भी वे आत्ममंथन के लिए तैयार नहीं हैं.
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एक समुदाय विशेष का थोक वोट लेने के लिए इंडी गठबंधन ने अपने दूसरे-तीसरे दर्जे के कुछ नेताओं को हिंदू धर्म,राम मंदिर, सनातन संस्कृति और रामचरित मानस पर अनर्गल टिप्पणी करने की सुपारी दे रखी है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस के प्रियांक खरगे, सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य, द्रमुक के दयानिधि मारन, राजद के चंद्रशेखर और जगदानंद जैसे जिन नेताओं को हिंदू धर्म को धोखा, डेंगू, मलेरिया वगैरह बताने की सुपारी मिली हुई है, उनमें से किसी की हिम्मत नहीं है कि वे आतंकवाद का धर्म बता दें. ये सारे सुपारी किलर केवल हिंदुओं की सहिष्णुता के कारण अपनी नौकरी बचा पा रहे हैं.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तीन हिंदी भाषी राज्यों में इंडी गठबंधन को राम मंदिर और सनातन धर्म के विरोध का परिणाम झेलना पड़ा, फिर भी वे आत्ममंथन के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से साफ है कि विपक्ष हिंदुओं से घृणा और अल्पसंखयक तुष्टीकरण की घिसी-पिटी लकीर से जरा भी हटने वाला नहीं है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि सनातन विरोधी यही रवैया कायम रहा, तो 2024 के संसदीय चुनाव में इंडी गठबंधन के सपा-राजद जैसे कई दल लोकसभा से लुप्त हो जाएँगे. तब ये ईवीएम में दोष देखने चलेंगे, खुद में नहीं.
गौरतलब है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इससे पहले कहा था कि विपक्षी दलों में यदि साहस है, तो वे सनातन धर्म, राष्ट्रभाषा हिंदी और बिहार के मेहनती लोगों के विरुद्ध घोर अपमान का भाव रखने वाले द्रमुक को इंडी गठबंधन से बाहर करें. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के निर्माण उद्योग में लगे बिहार के हजारों लोगों को "टायलेट साफईकर्मी" बताने वाला द्रमुक नेता दयानिधि मारन का बयान आपत्तिजनक और निंदनीय है.