पटनाः चुतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को पटना हाईकोर्ट की ओर से बड़ा झटका लगा है. पटना हाईकोर्ट ने बिहार की सिविल कोर्ट में चतुर्थवर्गीय पदों पर अवैध ढंग से हुई बहालियों को रद्द कर दिया है. पटना हाईकोर्ट में मंगलवार (17 अप्रैल) को इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बहाली को रद्द कर दिया है. बिहार युवा कल्याण समीति की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन ने सुनवाई की. इसके अलावा हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जिन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया गया है, वो भी जांच की जद में रहेंगे. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बड़ी संख्या में कर्मचारी प्रभावित होंगे.


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पटना हाईकोर्ट में सुनावाई के दौरान जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया कि चुतर्थवर्गीय पदों पर बहाली के नियमों में बदलाव किए गए हैं. जिसके तहत इन पदों पर अब नियुक्ति केवल साझात्कार के आधार पर नहीं किया जा सकता है.


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कोर्ट से कहा गया है कि इन पदों पर लिखित परीक्षा भी होना जरूरी है. इन पदों पर नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव होने के बावजूद अवैध रूप से कर्मचारियों की बहाली की गई है. पदों पर बहाली के लिए नियमों की अनदेखी की गई है. जिसके बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि अवैध बहाली को रद्द किया जा रहा है. और जिन लोगों को नियुक्ति पत्र दी गई है. उसकी भी जांच की जाएगी. 


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गौरतलब है कि बिहार में करीब 22 जिलों के सिविल कोर्ट में बड़ी संख्या में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की बहाली हुई है. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इसे अवैध बहाली करार देकर रद्द कर दिया है. इस फैसले से काफी कर्मचारी प्रभावित होंगे.