`पहले आओ-पहले पाओ, कहीं मौका छूट ना जाए`, जानिए कैसे ड्रैगन फ्रूट की खेती आपको करेगी मालामाल

खेती से आप भी मालामाल होना चाहते हैं तो आपको हम एक ऐसे फसल की खेती बताएंगे, जिससे आप लखपति बन सकते हैं. इसके लिए आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी चाहिए. बिहार सरकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती पर मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत 3 करोड़ रुपए देने की बात कही है.

शैलेंद्र Tue, 23 Jul 2024-8:29 pm,
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मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत 3 लाख रुपए देने की बात

Dragon Fruit Farming: खेती से आप भी मालामाल होना चाहते हैं तो आपको हम एक ऐसे फसल की खेती बताएंगे, जिससे आप लखपति बन सकते हैं. इसके लिए आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी चाहिए. बिहार सरकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती पर मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत 3 लाख रुपए देने की बात कही है.

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चौथे कृषि रोड मैप में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की बात

बिहार में किसानों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए चौथे कृषि रोड मैप में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की बात कही गई है. राज्य में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार बहुत सारे कदम उठा रही है.

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तीन साल में 21 जिलों में इसके पौधे लगाए जाएंगे

बिहार सरकार की ड्रैगन फ्रूट विकास योजना के अंतर्गत अगले तीन साल में 21 जिलों में इसके पौधे लगाए जाएंगे. फिलहाल, राज्य में अभी पूर्णिया, कटिहार  और किशनगंज में इसकी खेती की जाती है.

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40 फीसदी अनुदान

दरअसल, ड्रैगन फ्रूट की खेती की कुल लागत साढ़े सात लाख रुपए है. अगर किसान बाग लगता है तो 40 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. अनुदान के 3 लाख रुपए 3 किस्तों में किसान को मिलेंगे. यह ये जनाना बेहत जरुरी है कि किसानों को पौधरोपण का सामान खुद खरीदना होगा. 

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डीबीटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को डीबीटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा. इस यहां पर http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. 

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पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा

इस योजना की सबसे खास बात ये है कि पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा. इसमें बस एक बार पैसा लागकर आप 40 साल तक फायदा कमा सकते हैं.

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योजना का सबसे अधिक फायदा सामान्य वर्ग के लोगों को

जानकारी के अनुसार, इस योजना का सबसे अधिक फायदा सामान्य वर्ग के लोगों को होगा. 78.56 फीसदी सामान्य. 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 1.44 फीसदी अनुसूचित जनजाति, तो 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी तय की गई है. 

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