What Is Islamic Bank: इस्लामिक बैंक क्या है, ये कैसे करता है काम? जानें रोचक तथ्य
इस्लामिक बैंक में तीन तरह के खाते होते हैं. पहला- सेविंग अकाउंट, दूसरा- इन्वेस्टमेंट अकाउंट और तीसरा- जकात अकाउंट होता है. इस्लामिक बैंक पूरी तरह से शरिया कानून की तरह काम करता हैं. यह शरिया कानून के सिद्धांतों के आधार पर चलता है. यह अन्य बैंकों से एकदम अलग होता है.
शरिया कानून की तरह काम करता हैं (Photo AI)
इस्लामिक बैंक पूरी तरह से शरिया कानून की तरह काम करता हैं. यह शरिया कानून के सिद्धांतों के आधार पर चलता है. यह अन्य बैंकों से एकदम अलग होता है.
इस्लामिक बैंकिंग सिस्टम (Photo AI)
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तरह की बैंकिंग सिस्टम के साथ आगे नहीं बढ़ने का निर्णय किया है. आज हम आपको इस ऑर्टिकल में बताएंगे कि इस्लामिक बैंकिंग क्या है और यह कितने देशों में काम कर रहा है.
इस्लामिक बैंक क्या है?(Photo AI)
सबसे पहले जानते हैं कि इस्लामिक बैंक क्या है? इसमें न तो ब्याज लिया जाता है और ना दिया जाता है. बैंक के फायदे को खाताधारकों में बांट दिया जाता है.
इन बैंकों के पैसे इस्लामी कामों में नहीं लगाया जाता(Photo AI)
इन बैंकों के पैसे इस्लामी कामों में नहीं लगाया जाता है. जानकारी के अनुसार, अभी मौजूदा वक्त में दुनिया के करीब 75 देशों में करीब 350 इस्लामी वित्तीय संस्थान संचालित किए जा रहे हैं.
इस्लामिक बैंक में तीन तरह के खाते(Photo AI)
इस्लामिक बैंक में तीन तरह के खाते होते हैं. पहला- सेविंग अकाउंट, दूसरा- इन्वेस्टमेंट अकाउंट और तीसरा- जकात अकाउंट होता है.
इस्लामिक बैंक मलेशिया में साल 1983 में स्थापित किया गया(Photo AI)
दुनिया भर में सबसे पहले इस्लामिक बैंक मलेशिया में साल 1983 में स्थापित किया गया था. साल 1993 में कॉमर्शियल, मर्चेंट बैंकों और वित्तीय कंपनियों ने इस्लामिक बैंकिंग प्रॉडक्ट पेश करने शुरू किए थे.
इस्लामिक फाइनेंस का आकार(Photo AI)
इस्लामिक फाइनेंस का आकार आज के दौर में विश्व स्तर पर फैल चुका है. इस्लामिक बैंक में लोन किसी रिटर्न या मुनाफे की उम्मीद के दिया जाता है.
मूलधन ही चुकाना(Photo AI)
लोन लेने वाले को केवल मूलधन ही चुकाना होता है. वह अगर चाहे तो अपनी इच्छा से बैंक को अतिरिक्त पैसे दे सकते हैं.