नाड़ी मिलने से क्यों शादियां नहीं होती, क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?
हिंदू धर्म में शादी से पहले लड़की और लड़की की कुंडली का मिलान किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से दोनों के भाग्य का पता चलता है कि क्या वर और वधू एक दूसरे के बने हैं या नहीं! कुंडली में नाड़ी दोष, गण, मैत्री स्वभाव और भकूट दोष का मिलान किया जाता है.
कुंडली में नाड़ी दोष
कुंडली में नाड़ी दोष, गण, मैत्री स्वभाव और भकूट दोष का मिलान किया जाता है. ज्योतिष के अनुसार, हैप्पी मैरेज लाइफ के लिए नाड़ी का मिलान होना बहुत महत्वपूर्ण होता है.
कुंडली में भकूट दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी की लड़की या लड़के कुंडली में भकूट दोष होता है, इसके बावजूद वह शादी करते हैं तो उन्हें कई तरह की परेशानियां करना पड़ सकता है. वहीं अगर किसी की कुंडली में नाड़ी दोष होता है तो उससे शादी नहीं किया जाता है.
दोनों का तलाक भी हो सकता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसे लड़के या लड़की को शादी के बाद कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं दोनों का तलाक भी हो सकता है.
आयुर्वेद के अनुसार
आयुर्वेद के अनुसार, नाड़ी दोष वाले पति और पत्नी की समान नाड़ी होने पर संतान सुख में बाधा आती है. इतना ही नहीं इनकी संतान स्वस्थ नहीं रहेगा. इसलिए बचाव बहुत जरुरी होता है.
नाड़ी दोष के प्रभाव
जिन लोगों को नाड़ी दोष होता है, उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. दांपत्य जीवन बेहद खराब बीतेगा. नाड़ी दोष की वजह से विवाद होता रहेगा. मान्यता है कि अगर लड़का या लड़की की समान नाड़ी है तो किसी एक या दोनों की ही मौत की संभावना सबसे बनी रहती है.
कब होता है नाड़ी दोष?
ज्योतिषी कुंडली मिलान करते वक्त नाड़ी दोष होता है, इसकी जानकारी तभी होती है. अगर दोनों लोगों की नाड़ियों में टकराव होता है तो शादी नहीं कर सकते हैं.
तीन तरह के नाड़ी दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर लड़का और लड़की दोनों की एक ही नाड़ी होती है. तब यह दोष पैदा होता है. शास्त्र में तीन तरह के नाड़ी दोष बताए गए हैं. पहला आदि नाड़ी, दूसरा मध्य नाड़ी और तीसरा अन्त्य नाड़ी होता है.