Patna: पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की बदतर हालत किसी से छिपी नहीं है.विश्वविद्यालय स्थापना के तीन साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है, लेकिन यहां के छात्रों के लिए एक बेहतर लाइब्रेरी भी नसीब नहीं हो सकी है. मगर अब इस समस्या का आर्थिक रूप से भारी भरकम लेकिन तत्कालिक समाधान खोज लिया गया है. 


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यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी का निर्माण आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय यानि (एकेयू) में किया जा रहा है. एकेयू कैंपस की छठी मंजिल पर अस्थायी तौर से लाइब्रेरी का कामकाज जून के पहले हफ्ते से चल रहा है. यहां काम कर रहे कर्मचारियों के मुताबिक अनुसार लाइब्रेरी तैयार होने में अभी 45 दिन का और वक्त लगेगा. 


दरअसल, सवाल यहां सेंट्रल लाइब्रेरी के निर्माण से नहीं है बल्कि इसके लिए दिए जा रहे भारी भरकम किराये पर है. इसके लिए एक महीने का किराया 8 लाख तय किया गया है. अगर दो साल भी एकेयू कैंपस में सेंट्रल लाइब्रेरी रही तो पीपीयू को इसके लिए 1 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि देनी पड़ेगी. जोकि काफी बड़ा खर्च है और  इस बात को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय प्रशासन भी मानता है.


पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर जीतेंद्र कुमार के मुताबिक सेंट्रल लाइब्रेरी में सभी तरह के छात्र पढ़ेंगे. लेकिन ज्यादा ध्यान रिसर्च और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों पर रहेगा. एक महीने का किराया 8 लाख देना है. वहीं आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के प्रोवीसी प्रोफेसर सैयद मोहम्मद करीम के अनुसार पीपीयू को हर महीने 8 लाख रूपए देने होंगे और यहां इसके अलावा कोई दूसरी गतिविधि नहीं होगी. 


जानिये क्या है मामला 


मार्च 2018 में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. इसके बाद तीन साल में एक लाइब्रेरी नहीं होने के वजह से तत्कालिक तौर से सेंट्रल लाइब्रेरी के निर्माण की बात चली है. जिसके बाद  मीठापुर में स्थित आर्यभट्ट ज्ञान विवि के एकेडेमिक ब्लॉक के छठे फ्लोर पर सेंट्रल लाइब्रेरी का काम चल रहा है. जिसमे 38 रूपए प्रति स्कवॉयर फीट के हिसाब से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय भुगतान करेंगे. 


इसके अलावा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को 8 लाख रूपए सिर्फ किराये के तौर पर ही देने होंगे. जबतक पीपीयू की अपनी बिल्डिंग नहीं बन जाती है तबतक एकेयू में तैयार हो रहे सेंट्रल लाइब्रेरी से ही काम चलता रहेगा.अगर तीन साल तक ही यूनिवर्सिटी की अपनी बिल्डिंग नहीं तैयार हुई, तो आर्यभट्ट ज्ञान विवि को पीपीयू 2 करोड़ 88 लाख का भुगतान करेगा. 


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एक तरफ पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पैसों के अभाव में बुनियादी सुविधाओं का रोना रो रहा है, दूसरी तरफ सिर्फ लाइब्रेरी के नाम पर ही करोड़ों का भुगतान करेगा. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं.