पटनाः Ramcharit Manas issue in Bihar: बिहार की सियासत में अब नया मुद्दा रामचरित मानस को लेकर बन गया है. शिक्षा मंत्री के बयान के बाद इस मामले से सियासत में उबाल है और राजनीतिक दलों-राजनेताओं की बयानबाजियां जारी हैं.बिहार शिक्षा मंत्री ने नालंदा में दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच ऑफ थाट्स को जला देना चाहिए क्योंकि उन्होंने नफरत फैलाई है. इन किताबों ने लोगों को पीछे धकेलने का काम किया है. इसके अलावा उन्होंने मानस की एक चौपाई भी उदाहरण के तौर पर कही. उनके इस बयान से जहां सीएम नीतीश ने खुद को मामले से अंजान बताया है तो राजद ने शिक्षा मंत्री का बचाव करना शुरू कर दिया है. 


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मनोझ झा ने दिया ये बयान
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद से जहां सियासत गर्मायी हुई है, तो वहीं राजद ने मंत्री के बयान का बचाव किया है. राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि 'मेरा मानना है कि शिक्षा मंत्री ने अपना बयान देते समय मानस के कुछ हिस्सों के लिए दो अन्य पुस्तकों का भी जिक्र किया है. ऐसी पुस्तकें चाहे कितनी भी पवित्र क्यों  न हों, उस समय की पीढ़ियों की छाप ले जाती हैं. जिनमें इनका संकलन किया गया था. असल में सभी धर्मों की पुस्तकों में कुछ अस्पष्ट क्षेत्र हैं, उनका इरादा केवल उन क्षेत्रों को संदर्भित करना था और कुछ नहीं.' 


सीएम नीतीश ने कहा- जानकारी नहीं
वहीं, समाधान यात्रा में दरभंगा पहुंचे सीएम नीतीश ने तो मामले से ही अनभिज्ञता जताई है. गुरुवार को CM नीतीश कुमार से जब इस मामले पर पत्रकारों ने प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि अभी मुझे जानकारी नहीं है. इस पर जानकारी लेकर देखेंगे.बता दें कि इस तरह का बयान देने के बाद, दिल्ली में दिल्ली के द्वारका थाने में बिहार के शिक्षा मंत्री के खिलाफ FIR हुई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने कराई है. इससे पहले अयोध्या के महंत ने कहा था कि शिक्षा की मंत्री जीभ काटकर लाने वाले को इनाम देंगे.