Patna:राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सांसद एवं विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) योजनाओं के तहत भूमि हस्तांतरण के अनुरोध पर बिहार सरकार का राजस्व विभाग 'प्राथमिकता के आधार पर' पर कार्रवाई करेगा और इसके लिए जल्द से जल्द मंजूरी प्रमाणपत्र जारी करेगा. 


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मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कही ये बात


राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने मंगलवार को विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि प्रमाणपत्र जारी करने की समय सीमा तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि अब से सांसदों और विधायकों को स्थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के तहत काम शुरू करने के वास्ते जमीन के हस्तांतरण से जुड़े अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.


स्थानीय क्षेत्र विकास योजनाओं के तहत सांसद और विधायक जिला कलेक्टरों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्य करने का सुझाव दे सकते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने विभाग के बजट पर एक बहस का समापन करते हुए मंत्री ने तीन सदस्यीय आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट भी पेश की.


यह आयोग 2017 में बिहार सरकार द्वारा ‘भूदान’ आंदोलन के दौरान दान की गई भूमि की कागजी कार्रवाई की जांच के लिए गठित किया गया था. मेहता ने कहा कि सरकार आंदोलन के दौरान दान की गई लगभग 1,04 लाख एकड़ जमीन को राज्य के भूमिहीन लोगों में बांटने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बिहार सरकार ने अब तक भूदान आंदोलन के दौरान दान की गई कुल 6,48,593 एकड़ जमीन में से 2,56,664 एकड़ जमीन वितरित की है. उसने यह भी कहा कि अन्य 1.04 लाख एकड़ जमीन को भी वितरण के लिए उपयुक्त पाया गया है.


(इनपुट भाषा के साथ)