Bihar Jamin Mapi: बिहार में अब जमीन की पैमाइश कराना और आसान हो गया है. इसके लिए राजस्व विभाग ने बड़ा बदलाव किया है या यूं कहे कि बड़ी बाधा दूर कर दी है. दरअसल, बिहार राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने ई मापी में राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की जरूरत को खत्म कर दिया. इसकी जानकारी विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह ने पत्र जारी दिया. उन्होंने सभी जिला जिलाधिकारियों को इस पत्र को भेजा है.


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इस पत्र में विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह कहा है कि जमीन मापी के लिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की जरूरत नहीं है. विभाग की तरफ से जारी किए गए पत्र के साथ ई मापी अप्लीकेशन का एक प्रारूप भी शामिल किया गया है. बताया जा रहा है कि ये एक शपथ पत्र है, जिसे ई मापी कराने वाले जमा कराएंगे. जमीन मापी कराने वाले शपथ के साथ कहेंगे कि जिस जमीन की मापी के लिए वह अप्लीकेशन कर रहे हैं. इस साथ ही इस जमीन के वह मालिक हैं.


इतना ही नहीं शपथ पत्र में ये भी कहना होगा कि जमीन से जुड़ा कोई विवाद किसी कोर्ट में लंबित नहीं है. हालांकि, जमीन पर कोई केस लंबित हैं और कोर्ट ने मापी का आदेश दिया है तो उसे अप्लीकेशन के साथ लगाना होगा.


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जारी पत्र में कहा गया है कि जमानी मापी कराने वाले को शपथ पत्र में यह लिखना होगा कि भविष्य में अगर उनका दावा गलत पाया गाया तो उस पर कानूनी कार्यवाही की की जा सकती है और वह इसका सामना करने को तैयार है. 


विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह की तरफ से जारी पत्र के अनुसार, ई मापी की समीक्षा में पाया गया कि राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट में देरी की वजह से कई सारे केस लंबित हैं. इसकी वजह से विभाग ने यह फैसला लिया है.