पटनाः Sawan Shivratri: फागुन मास की महाशिवरात्रि की ही तरह सावन की शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. इस दिन जो श्रद्धालु, सच्चे मन से शिव पूजा करते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, उनके सारे कष्ट महादेव हर लेते हैं. सावन की शिवरात्रि, सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के अंत औऱ चतुर्दशी के प्रारंभ में मनाई जाती है. यानी चतुर्दशी तिथि लगती हुई होनी चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि सुबह सुबह अभिषेक कर लिया जाए. इसके अलावा, अभिषेक करते हुए अगर कुछ खास उपाय अपनाए जाएं तो आपको, जीवन में हो रही हर समस्या से छुटकारा मिल सकता है. 


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1. जब भी आप शिवजी पर जल चढ़ाएं या शिवलिंग पर बेलपत्र, फल, फूल इत्यादि अर्पित करें तो लगातार‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए अर्पित करें. 
2. पाप को नाश करने के लिए इस दिन की पूजा के दौरान भगवान शिव को तिल का तेल चढ़ाएं. इससे आपके समस्त पाप अवश्य नष्ट हो जायेंगे.
3. अगर किसी कन्या को मनचाहे वर की आस हो तो, वह इस दिन भगवान शिव को चने की दाल का भोग लगाएं और प्रसाद लें.
4. घर में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं तो, भगवान शिव पर धतूरे का फूल या फल का भोग लगायें, यह शिव पूजा में जरूरी फल भी है.
5. अगर आपका मन शांत नहीं रहता है या आप बुरे विचारों से घिरे रहते हैं, तो  इस दिन पंचमुखी रुद्राक्ष की माला लेकर ऊं नम: शिवाय का जाप करें. मन का स्वामी चंद्रमा होता है और शिव जी चंद्र देव के स्वामी हैं. वह जीवन में चंद्रदोषों को दूर करते हैं.
6. कोई कानूनी कार्यवाही जीतनी हो या अपने शत्रुओं पर जीत हासिल करनी हो तो, इस दिन भगवान शिव को भांग चढ़ाएं.


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