Sawan 2023: सावन का पतित-पावन महीना चल रहा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए ये महीना अति उत्तम है. इस बार सावन में 4 या 5 नहीं, कुल 8 सोमवार व्रत हैं. इनमें से 3 सोमवार निकल चुके हैं और चौथा सोमवार 31 जुलाई को है. चौथे सोमवार को कई शुभ संयोग बन रहे हैं. 31 जुलाई को सिंह राशि में 3 ग्रह (बुध, मंगल और शुक्र) एक साथ होने से त्रिग्रही योग बन रहा है. इस दिन सिंह राशि में शुक्र और बुध ग्रह की युति रहेगी, जिससे ‘लक्ष्मी-नारायण’ नाम का शुभ योग बनेगा. इस दिन सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी. इस तिथि के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं. 


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चौथे सोमवार पर सुबह 07:26 ए एम तक श्रावण अधिक मास की त्रयोदशी तिथि है. उसके बाद से चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ होगा, जो 01 अगस्त को सुबह 03:51 तक रहेगी. उसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी. इस रोज आप पूरे दिन भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. चौथे सोमवार पर रवि योग भी है. रवि योग सुबह 05:42 से लेकर शाम 06:58 तक है. वहीं विष्कम्भ योग सुबह से रात 11:05 बजे तक होगा. फिर प्रीति योग शुरू हो जाएगा.


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रुद्राभिषेक का शुभ समय क्या है?


चौथे सोमवार पर रुद्राभिषेक के लिए शुभ मुहुर्त प्रात: काल से लेकर सुबह 07 बजकर 26 मिनट तक है. इस मुहुर्त में शिववास नंदी पर है और योग भी शुभ बन रहा है. शुभ मुहूर्त में शिव जी का पूजन करने से लाभ होगा. सावन के चौथे सोमवार को सुबह के समय ही स्नान करे और व्रत और शिवजी की पूजा का पूरे मन से संकल्प करें. सुबह शुभ मुहूर्त में ही शिव मंदिर जाएं और पूजा करें. घर के शिवलिंग की भी आप इस दिन विधि पूर्वक पूजा कर सकते हैं.


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ऐसे करें पूजन?


भगवान शिव का शुभ मुहुर्त में जलाभिषेक करके चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां अर्पित करें. शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म व फूलों की माला महादेव को अत्यधिक प्रिय है. इसके बाद भोलेनाथ को भोग में शहद, फल, मिठाई के साथ ही शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें. फिर शिव चालीसा का सच्चे मन से पाठ करें और सोमवार व्रत कथा भी पाठ कर लें. अंत में शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं आरती करें.