पटना: Sawan 2023 Kanwar Yatra: भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है.ये महीना भोलेनाथ के प्रति भक्ति और समर्पण के लिए खास है. सावन महीने में शिव लिंग पर हर दिन पवित्र जल का अभिषेक करने का विशेष महत्व है. सावन के महीने में बाबा के भक्त कांवड़ में जल भरकर  और बम-बम भोले के नारे लगाते हैं, भक्तों की भीड़ निकलती है और शिवलिंग का जलाभिषेक करती है. ऐसे में आज हम आपको कांवड़ यात्रा के दौरान बरती जानें वाली सावधानियों के बारे में बताने जा रहे है.


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Kanwar Yatra 2023: कांवड़ यात्रा के लिए जरूरी नियम


कांवड़ यात्रा जाने वाले भक्तों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.


कांवड़ को कभी भी बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए.


कांवड़ यात्रा के समय चमड़े से बने किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, यहां तक की उसे छूना भी नहीं चाहिए.


भगवान शंकर को समर्पित इस यात्रा में कांवर को कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए. यदि कांवड़ यात्रा के दौरान नित्यक्रिया या विश्राम आदि के लिए आप रुक रहे हैं तो कांवड़ को हमेशा ऊंचे स्थान पर ही रखें.


यात्रा के दौरान अक्सर ये देखने को मिलता है कि कुछ लोग कांवड़ को अपने सिर पर रखकर चलते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार ऐसा नहीं करना चाहिए.


यात्रा के दौरान कांवड़ को किसी भी पेड़ या पौधे के नीचे नहीं रखना चाहिए.


कांवड़ यात्रा करते समय बाहरी स्वच्छता के साथ-साथ मन की पवित्रता भी बहुत जरूरी हो जाती है.


यात्रा करते समय अपना दिमाग साफ रखें और इस बात का खास ध्यान रखें कि क्रोध या विवाद नहीं हो. इस दौरान अनुचित शब्दों का प्रयोग करने से बचना चाहिए.


कांवड़ यात्रा के दौरान अपना ज्यादा समय भगवान शिव की आराधना में व्यतीत करें. इस दौरान जितना हो सके


बोल बम और जय शिव शंकर का जाप करते रहें. इसके अलावा आप शिव मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं.


कावड़ियों को किसी भी तरह के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन सख्त वर्जित है.


कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले बाबा के भक्तों के लिए नियमों का पालन करने से ज्यादा जरूरी भोलेनाथ के प्रति अपनी आस्था बनाए रखना जरूरी है.


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