Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि व्रत के क्या है नियम और कैसे रखें उपवास, देखें एक नजर
Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि व्रत रखने वाले को पूरी पवित्रता का पालन करना चाहिए और शुद्धता का खास ध्यान रखना जरूरी है. इस दौरान मन के विचारों की शुद्धता सबसे महत्वपूर्ण होती है. मन में बुरे विचार या दूसरों के प्रति ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए. व्रत के समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और झूठ बोलने से बचना चाहिए.
Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जब मां दुर्गा शेर पर सवार होकर धरती पर आएंगी. इस साल नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार को हो रही है और पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी. भक्त इस दौरान मां की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं. व्रत रखने से पहले इसके नियम जानना जरूरी है ताकि कोई गलती न हो, जिससे मां नाराज न हो जाएं.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार नवरात्रि के व्रत को कठिन माना जाता है और भक्त इसे बड़ी श्रद्धा से निभाते हैं. नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती पानी, फल, मीठा या एक समय का भोजन कर सकते हैं. हालांकि, व्रत के कुछ नियम होते हैं जिन्हें जानना और उनका पालन करना जरूरी है. साथ ही व्रत रखने वाले को शुद्धता और पवित्रता का पालन करना चाहिए. इस दौरान विचारों की शुद्धता सबसे महत्वपूर्ण होती है. मन में बुरे विचार या किसी के प्रति ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए. व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और झूठ बोलने से बचना चाहिए. क्रोध से दूर रहना चाहिए और मां दुर्गा के नामों और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस दौरान छोटी बच्चियों या कन्याओं का अपमान नहीं करना चाहिए. घर में अगर बच्चियां हैं तो उन पर गुस्सा करने या उन्हें मारने से बचें. बड़ों का सम्मान भी करना जरूरी है. व्रत के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए. नशे का सेवन, लहसुन, प्याज, मांस-मछली से दूर रहना चाहिए. साथ ही नवरात्रि में विभिन्न प्रकार के व्रत होते हैं, जैसे रसोपवास, फलोपवास, दग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास. जो भी व्रत आप कर रहे हैं, उसका सही तरीके से पालन करें. अगर आप फलाहार कर रहे हैं, तो दिनभर फल न खाएं, बल्कि सीमित मात्रा में लें, ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके.
व्रत रखने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले नित्यकर्म से निवृत होकर स्नान करें और मां दुर्गा की पूजा करें. इस दौरान मन को शांत रखें और मां की भक्ति में ध्यान लगाएं. माहवारी या अशौच की स्थिति में व्रत नहीं रखना चाहिए. व्रत का समापन कन्या पूजन, हवन और मां से क्षमा मांगकर करें. इसके बाद ही पारण करें यानी व्रत समाप्त करें. इन नियमों का पालन करके आप नवरात्रि का व्रत सही तरीके से रख सकते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
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