पटना: Bindeshwar Pathak passed away: देश को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने वाले सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का आज यानी मंगलवार को निधन हो गया है. डॉ. पाठक ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली है. बता दें कि कॉर्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें दोपहर डेढ़ बजे दिल्ली एम्स की इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था.


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बता दें कि डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर (कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर धड़कन ठीक करने की कोशिश भी की लेकिन वो बिंदेश्वर पाठक को बचा नहीं पाए. अंत में डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉ. बिंदेश्वर पाठक मूल रूप से बिहार के वैशाली जिला के रहने वाले थे. वैशली जिला में रामपुर बघेल गांव से उनाक परिवार आता है. बता दें कि उन्हें साल 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. बता दें कि टाइम पत्रिका ने डॉक्टर पाठक द्वारा स्थापित शौचालय संग्रहालय को दुनिया के 10 सर्वाधिक अनूठे संग्रहालय में स्थान दिया था.


बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए की थी. इसी का नतीजा है कि देशभर में आज सुलभ इंटरनेशनल के करीब 8500 शौचालयों और स्नानघर हैं. बता दें कि सुलभ इंटरनेशनल के शौचालय के प्रयोग के लिएआम लोगों को 5 रुपये और स्नान करने के लिए 10 रुपये लिए जाते हैं, जबकि कई जगहों पर सामुदायिक प्रयोग के लिए इसे फ्री भी रखा गया है.


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