Sustainability summit 2023: पर्यावरण को लेकर भारत काफी गंभीर है. भारत का लक्ष्य है कि 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल कर ले. इसके लिए ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक एनर्जी के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है. भारत अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंच सकता है कि इसके लिए दिल्ली में स्थिरता शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के तमाम बड़े उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में जोमैटो के प्रमुख स्थिरता ऑफिसर अंजली कुमार ने कहा कि हम 2033 तक नेट जीरो को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 


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उन्होंने कहा कि जोमैटो का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेहतर खाना परोसा जा सके. 2033 तक नेट जीरो को हासिल करने के लिए हम इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) को बढ़ावा दे रहे हैं और 100 फीसदी तक EV से डिलीवरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली और बेंगलुरू में 5 में से एक डिलीवरी EV से होती है. हम इसको और बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसे बढ़ाने के लिए हमारे पास 26,000 ईवी बेस्ट डिलीवरी पार्टनर हैं और 70 से ज्यादा पार्टनरशिप हैं.


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वहीं लुफ्थांसा ग्रुप में साउथ एशिया की जनरल मैनेजर (सेल्स) संगीता शर्मा ने कहा कि स्थिरता हमारे डीएनए में है. उन्होंने कहा कि हम 2050 तक कार्बन मुक्त होने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कार्बन मुक्त होने फ्यूल के लिए हम 250 अमेरिकी डॉलर और 2.5 बिलियन यूरो का इंवेस्टमेंट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा ग्रुप ऐसे एयरक्राफ्ट में इंवेस्ट कर रहा है, जोकि कम प्रदूषण निकालते हों.


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बता दें कि मोदी सरकार जलवायु परिवर्तन को लेकर काफी गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी हर मंच से जलवायु को सुरक्षित करने की अपील करते हैं. इसके लिए वह दुनियाभर के नेताओं से काम और सहयोग करने की अपील करते हैं. कार्बन मुक्त होने के लिए पीएम मोदी ने पंचामृत कार्य योजना के अंतर्गत अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है.