Chhath Puja 2024: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बिहार और झारखंड सहित देश के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस पर्व के दौरान श्रद्धालु पूरे श्रद्धा भाव से सूर्य देवता की पूजा करते हैं. आज इस पर्व का दूसरा दिन है, जिसे 'खरना' कहते हैं. खरना के दिन, व्रती केवल शाम के समय खीर और मीठी रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं. यह प्रसाद विशेष रूप से लकड़ी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है. खरना करने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ करते हैं.


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रांची, पटना और अन्य शहरों में इस पर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. राजधानी रांची में छठ पूजा के लिए खास तैयारियां की गई हैं. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए 33 तालाबों पर 6 मेडिकल टीम की तैनाती की है. इसके साथ ही भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है. 7 नवंबर को सुबह 8 बजे से लेकर रात 11 बजे तक और 8 नवंबर को सुबह 2 बजे से लेकर रात 8 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहेगा.


छठ पूजा का आरंभ 'नहाए-खाए' से होता है, जिसके बाद श्रद्धालु गंगा जल लेकर प्रसाद बनाते हैं. आज के दिन, यानी खरना के दिन, व्रती गंगा स्नान करने के बाद गंगाजल से प्रसाद तैयार करते हैं, जिसमें खासतौर पर गुड़ की खीर और मीठी रोटी बनाई जाती है. बाजारों में भी छठ पूजा को लेकर खास खरीदारी का माहौल है. लोग छठ पूजा के लिए आवश्यक सामान जैसे सूप, दौरा, फल और अन्य पूजा सामग्री खरीदने में व्यस्त हैं. हालांकि, इस साल बाढ़ के कारण बांस की कमी के कारण सूप और दौरा की कीमतें थोड़ी ज्यादा हैं, फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह कहीं से भी कम नहीं हुआ है.


सहरसा, बेगूसराय, नवादा और अन्य इलाकों में भी छठ पूजा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. सहरसा में लोग बाजारों में खरीदारी करने में व्यस्त हैं और सूप, दौरा, फल इत्यादि के लिए दुकानों पर लाइनें लगी हुई हैं. बेगूसराय में बाजार सज चुके हैं और लोग यहां के फल मंडियों से खरीदारी कर रहे हैं. छठ पूजा के अवसर पर बाजारों में रौनक बनी हुई है. लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ इस पर्व को मनाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके साथ ही मंदार पर्वत पर भी छठ पूजा का विशेष महत्व है. मंदार पर्वत, जो तीन धर्मों की संगम स्थली के रूप में जाना जाता है, वहां से जुड़ी पौराणिक कथा भी बहुत प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि भगवान राम के साथ सीता माता ने मंदार पर्वत पर आकर छठ व्रत किया था. आज भी मंदार पर्वत पर सीता कुंड मौजूद है, जहां श्रद्धालु छठ पूजा करते हैं. इस कुंड का पानी काफी पवित्र माना जाता है और श्रद्धालु इसी पानी से प्रसाद तैयार करते हैं.


इसके अलावा मिर्जापुर सूर्य मंदिर के छठ घाट पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यहां खुरी नदी से शुद्ध जल लेने के लिए व्रती और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. इस जल का उपयोग वे अपने घरों में प्रसाद बनाने के लिए करते हैं. नवादा में भी छठ पूजा को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं. यहां के सूर्य मंदिर घाट पर करीब 60 से 70 हजार श्रद्धालु आते हैं और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. अस्थाई शौचालय और चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. साथ ही पूरे देश में इस समय छठ पूजा को लेकर लोगों में आस्था और उत्साह का माहौल है. हर जगह खास तैयारियां हो रही हैं और लोग इस महापर्व को अपने घरों में श्रद्धा और आस्था के साथ मना रहे हैं. महिलाएं छठ गीत गाती हुई छठ व्रत की तैयारी कर रही हैं. व्रती घरों में पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हुए प्रसाद तैयार कर रहे हैं और एक संकल्प के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास रखने की तैयारी कर रहे हैं.


इनपुट- विशाल, शिवम और जितेंद्र कुमार


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