Bihar News: बिहटा में दर्दनाक सड़क हादसा, चार स्कूली बच्चों की मौत और आठ घायल
Accident in Bihta: ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा. उनका आरोप है कि तेज रफ्तार भारी वाहनों और सड़क पर सुरक्षा के इंतजामों की कमी के कारण यह हादसा हुआ.
पटना: बिहार के पटना जिले के बिहटा थाना क्षेत्र में बुधवार को एक भयावह सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया. विशुनपुरा गांव के पास स्कूली बच्चों को ले जा रही एक ऑटो और तेज रफ्तार ट्रक के बीच जोरदार टक्कर हो गई. इस हादसे में चार स्कूली बच्चों की मौत हो गई और आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के लिए बता दें कि ऑटो में 12 बच्चे सवार थे, जो स्कूल से घर लौट रहे थे. तभी अचानक एक तेज रफ्तार ट्रक ने ऑटो को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि ऑटो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. मौके पर ही तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया, जबकि चौथे बच्चे की मौत अस्पताल ले जाते समय हुई. साथ ही घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है. मृतकों में बृजेश सिंह के दो बच्चे भी शामिल हैं, जो इस हादसे ने गांव में मातम का माहौल बना दिया है.
घटना के बाद का माहौल
इसके अलावा हादसे के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित भीड़ ने धक्का मारने वाले ट्रक समेत कई अन्य वाहनों में तोड़फोड़ की और कुछ को आग के हवाले कर दिया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को इलाके में कई थानों की फोर्स तैनात करनी पड़ी. स्थानीय लोगों ने रोड को जेसीबी से काटकर जाम कर दिया और जमकर हंगामा किया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन लोग काफी आक्रोशित थे और पुलिसकर्मियों को खदेड़ दिया.
ग्रामीणों की प्रशासन से मांग
ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. उनका आरोप है कि भारी वाहनों की तेज रफ्तार और सड़क पर सुरक्षा के इंतजामों की कमी के कारण यह हादसा हुआ. ग्रामीण दोषियों पर सख्त कार्रवाई और प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.
प्रशासन का बयान
प्रशासन ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है और दोषी ट्रक चालक की तलाश जारी है. यह घटना न केवल प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि आखिर स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए कब ठोस कदम उठाए जाएंगे.
इनपुट- इश्तियाक खान
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