Married Life Prediction: कई लोगों की जिंदगी में विवाह के बाद परेशानी शुरू हो जाती है. रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे होते हैं. पति-पत्नी के बीच आपसी कलह की स्थिति बनी रहती है. वहीं कई लोगों के विवाह में ही देरी हो रही होती है. विवाह हो भी जाए तो जातक के जीवन में तनाव बना रहता है. वहीं पति-पत्नी के बीच तलाक की भी नौबत आ जाती है. ऐसे में आप अपनी कुंडली को किसी विशेषज्ञ ज्योतिष से दिखाएं जो आपको बता सकते हैं कि यह क्यों हो रहा है और कहीं आपकी कुंडली में भी तो चारित्रिक दोष का निर्माण नहीं हो रहा है जिसकी वजह से आप इतनी सारी परेशानियों से लड़ रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


ऐसे में हम आपको बताते हैं कि लोगों का पारिवारिक जीवन आज के समय में इतनी बड़ी संख्या में क्यों नष्ट हो रहा है और कौन से ग्रह आपकी कुंडली में चारित्रिक दोष का निर्माण कर रहे हैं जिसकी वजह से आपको ये दिन देखना पड़ रहा है. आपको बता दें कि आपकी कुंडली में शुक्र को कामवासना का कारक माना गया है. यह आपके रोमांस को भी दर्शाता है. साथ ही पति-पत्नी के बीच संबंधों के भी बारे में इससे जानकारी मिलती है. शुक्र इतना ही नहीं आपके जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं का भी दाता है. 


ये भ पढ़ें- चमकाना चाहते हैं अपनी किस्मत तो करें काली हल्दी के ये उपाय, दूर होगी सारी परेशानियां


वहीं मंगल और राहु को पाप ग्रह माना गया है. राहु और केतू दो छाया ग्रह हैं जो आपकी कुंडली में जिस ग्रह के साथ युति करते हैं उसके शुभ प्रभाव को नष्ट कर अपना अशुभ प्रभाव दिखाते हैं. वहीं मंगल को रक्त का तो शुक्र को वीर्य का कारक माना गया है. ऐसे में आपकी कुंडली में शुक्र, राहु और मंगल आपके वैवाहिक जीवन को लेकर सबसे ज्यादा काम करते हैं. यानी आपका विवाह विलंब से हो, नहीं हो रहा हो, पति-पत्नी के बीच संबंध मधुर नहीं हो, शादी के बाद दोनों के बीच तलाक की संभावना बन रही हो तो यह सब इन्हीं ग्रहों की वजह से होता है. 


ऐसे में अगर राहु और शुक्र की युति आपकी कुंडली में बन रही है तो यह चारित्रिक दोष का निर्माण करता है. इन दोनों के बीच अंशु की दूरी जितनी कम होगी यह दोष उतना प्रभावी होगा. वहीं शुक्र और मंगल के साथ युति से यह जातकों को भौतिक सुखों के प्रति इतना आकर्षण बढ़ा देता है कि वह गलत काम करने भी नहीं चूकता है. मंगल और राहु जब शुक्र के साथ रहते हैं जो कि स्त्री का कारक है तो ऐसा पुरुष महिला के प्रति हिंसक भी हो जाता है. आपको बता दें कि अगर कुंडली के  छठे, आठवें और बारहवें भाव में शुक्र, मंगल, राहु, केतु, सूर्य जैसे ग्रहों से पीड़ित हो जाए तो ऐसा व्यक्ति यौन इच्छा की पूर्ति के लिए हिंसा भी करने लगता है.