5 Religious Plants of India: जिस तरह से तुलसी के पौधे को हर हिंदू के घर में होना चाहिए क्योंकि इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है. वैसे ही सनातन धर्म में 5 पौधों के बारे में बताया गया है जो हर सनातनी के घर में हो तो उनका यश, सुख, सौभाग्य सब बढ़ता है. दरअसल सभी के घर में तुलसी तो होती ही हैं. क्योंकि इसमें लक्ष्मी के साथ नारायण का वास होता है.  ऐसे में यह हिंदू धर्म के लिए पूजनीय माना जाता है. ऐसे में तुलसी के साथ अगर घर में ये पौधे भी हों तो घर से नकारात्मकता और परेशानी कोसों दूर रहती है. तो आइए हम आपको इन पांच पौधों के बारे में बताते हैं जिसे आप अपने घर में जरूर लगाएं. इससे आपके घर का वास्तु भी ठीक रहेगा. 


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आंवला
तुलसी के अलावा आंवले के पौधे को भी घर में लगाना चाहिए यह आपकी सेहत को तो बेहतर बनाता ही है साथ ही इसमें भगवान विष्णु का वास होता है. ऐसे में एकादशी के दिन आंवले का पूजन विशेष फलदायी माना गया है. 


केला
केले के पेड़ को भी सनातन लोग सबसे पवित्र पेड़ मानते हैं. इसमें भी बृहस्पति और विष्णु का वास माना गया है. इसलिए हर पूजा पाठ में इसके पत्ते का विशेष उपयोग किया जाता है. इसके जल में हर दिन दीपक जलाने से और जलार्पण करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. घर में सुख-समृद्धि आती है. विवाह या मांगलिक कार्यों में आ रही रूकावट दूर होती है. 


पीपल
यूं तो पीपल के पेड़ को घर में या अहाते में ल गाने की मनाही है लेकिन बता दें कि इसको सबसे पवित्र पौधे के तौर पर जाना जाता है. यह ऑक्सीजन का सबसे बड़ा दाता है. कहते हैं कि इसके पेड़ में सभी 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है. वहीं इसे विष्णु भगवान का पेड़ भी माना जाता है. इसलिए इसके पूजन से जीवन के हर कष्ट से मुक्ति मिलती है. 


शमी
शनी भगवान और महादेव को सबसे प्रिय शमी का पौधा हर घर में होना चाहिए. बस ध्यान रहे की शमी के पौधे को घर के अंदर कमरे में नहीं लगाएं. इसके पत्ते को शिवलिंग पर अर्पण किया जाता है जिससे भगवान शिव की असीम कृपा की प्राप्ति होती है.शमी बेहद मंगल प्रदान करनेवाला पौधा है. भगवान गणपति और शनिदेव को तो यह अत्यंत प्रिय है. 


बरगद 
इसके पौधे को घर के अंदर गमले यह अहाते में लगाने की मनाही है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की बरगद का पौधा भी पीपल की तरह ऑक्सीजन का सबसे बड़ा दूसरा दाता है. इसे देववृक्ष कहते हैं. इसमें भगवान शिव का निवास माना गया है. त्रयोदशी तिथि को इस पेड़ के पूजा का महत्व बताया गया है. इसके नीच शिवलिंग रखकर पूजा करने से शिव की कृपा प्राप्त होती है. 


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