कुशवाहा निकले तो जदयू ने पलटा दांव, CM पद की दावेवारी को लेकर उपेंद्र का फिर नीतीश पर निशाना
बिहार में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नई मुसीबत उपेंद्र कुशवाहा बन गए हैं. पीके और आरसीपी सिंह के बाद अब नीतीश के सबसे करीबी और भरोसेमंद उपेंद्र कुशवाहा ने जब उनका साथ छोड़ा तो उनकी पार्टी के लिए मुसीबत बड़ी हो गई.
पटना : बिहार में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नई मुसीबत उपेंद्र कुशवाहा बन गए हैं. पीके और आरसीपी सिंह के बाद अब नीतीश के सबसे करीबी और भरोसेमंद उपेंद्र कुशवाहा ने जब उनका साथ छोड़ा तो उनकी पार्टी के लिए मुसीबत बड़ी हो गई. उपेंद्र कुशवाहा के साथ तीन चेहरे बिहार में सीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर दिखने लगे थे. कुशवाहा के हटते ही यह अब दो चेहरों मे तब्दिल हो गया है. अब तेजस्वी और मांझी के बेटे संतोष सुमन के नाम को लेकर ही सबकुछ आगे चल रहा है. लेकिन तेजस्वी ही सबसे मुख्य दावेदार हैं और नीतीश कई बार मंचों से उनके नेतृत्व क्षमता का जिक्र करते हुए उन्हें अगले नेता के तौर पर समर्थन की बात भी कह चुके हैं.
हालांकि कुशवाहा के पार्टी छोड़ते ही सीएम पद के उम्मीदवार के नाम पर तेजस्वी को लेकर जो दांव लगाया गया था उससे जदयू ने पलटी मार दी है. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से अलग होकर जैसे ही नई पार्टी बनाने की घोषणा की जदयू नेताओं के तेवर ही बदल गए. मानो सबको लग रहा था कुशवाहा के रहते जदयी में कोई और नेता सीएम पद का उम्मीदवार था ही नहीं ऐसे में कुशवाहा को साइड लगाना जरूरी था. जदयू तो कुशवाहा के आने-जाने को लेकर कभी गंभीर दिखी ही नहीं. वह कुशवाहा वोट बैंक को ज्यादा तरजीह भी नहीं दे रहे.
कुशवाहा लगातार दावा करते रहे कि जदयू का विलय राजद में होगा और 2025 से पहले नीतीश खुद अपनी कुर्सी तेजस्वी को सौंपेंगे. ललन सिंह ने इन दोनों का खंडन कर अपनी पार्टी के भीतर फैली बेचैनी से नेताओं को मुक्ति दिलाई. दरअसल नीतीश को लेकर ललन सिंह ने साफ कह दिया कि 2025 तक वही सीएम होंगे और उन्हीं के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा. इसके बाद फैसला होगा कि आगे क्या होना है और दूसरा किसी भी हाल में जदयू का विलय राजद में नहीं होगा. जबकि कुशवाहा इसी डील की बात बताकर पार्टी से अलग हुए र अनुमान लगाया जा रहा था कि बड़ी संख्या में जदयू के लोग कुशवाहा के साथ चले जाएंगे क्योंकि उनके अंदर भी इन्हीं बातों को लेकर बेचैनी है.
वहीं ललन सिंह के इस बयान पर उपेंन्द्र कुशवाहा का तेजस्वी यादव के अगले नेतृत्व को लेकर बड़ा बयान आया है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जनता दल (यू) में हम सब सुनते रहे हैं कि नीतीश कुमार ही सर्वमान्य नेता हैं लेकिन नीतीश भी कई बार कई कार्यक्रमों में और सार्वजनिक मंच से भी तेजस्वी को नेतृत्व देने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन ललन सिंह आज कल क्या बोल रहे हैं. अब तय जेडीयू के लोग करेंगे की जेडीयू में सर्वमान्य नेता कौन है. नीतीश कुमार की यात्रा में भी लोगों की मनोभावना को समझा है. जनता को झांसे में लाने का एक और प्रयास किया जा रहा है. जनता दल यू के नेता नीतीश कुमार के बयान के साथ नहीं है. उपेंद्र के इस बयान के बाद से एक बार फिर बिहार में सियासी तापमान बढ़ गया है.