Valentine's Week Special, Nitish Kumar Love Story: वैलेंटाइन वीक यानी मोहब्बत का महीना चल रहा है. आज वैलेंटाइन वीक का तीसरा दिन है जिसे चॉकलेट डे के रूप मनाया जाता है. वहीं जब बात प्यार की आती है तो सबसे पहले हीर-रांझा, लैला-मजनू की मोहब्बत को याद किया जाता है. दुनिया उनके प्यार की मिसाल देती है. इनके जैसे न जाने कितनी प्रेम कहानियां दुनिया में सांस लेती हैं और न जाने कितने प्यार करने वाले अमर हो गए. वैलेंटाइन वीक में हम स्पेशल लव स्टोरी सीरीज चला रहे है. जिसमें आज हम आपको किसी स्टार की नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंजू देवी की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं. नीतीश कुमार की राजनीतिक जिंदगी जितनी ही दिलचस्प है उतनी ही उनकी प्रेम कहानी भी दिलचस्प है. तो चलिए आज चॉकलेट डे के मौके पर हम आपको उनकी दिलचस्प प्रेम कहानी के बारे में बताते है...


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घर वालों ने ढूंढी थी दुल्हनियां
कहानी शुरू होती है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे. उस वक्त इंजीनियरिंग का छात्र होना बहुत बड़ी बात होती थी. उस वक्त नीतीश कुमार के साथ भी यही था. ऐसा कहा जाता है कि उस समय पूरे इलाके में नीतीश कुमार मोस्ट एलिजिबल बैचलर थे. एक बार नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि उनके इंजीनियर भाई के लिए इलाके के बड़े - बड़े घरों से रिश्ते आते थे. नीतीश कुमार ने अपनी शादी के लिए घर पर सिर्फ एक बात कहीं थी. उन्होंने कहा था कि लड़की शिक्षित होनी चाहिए. इसी बात को ध्यान में रख कर नीतीश के घर वाले उनके लिए पढ़ी लिखी दुल्हनियां ढूंढ रहे थे. जिसके बाद घर वालों की ये तलाश मंजू देवी पर जाकर रुकी. मंजू देवी नीतीश कुमार के बगल के सियोदा गांव में ही रहती थी. पटना के मगध महिला कॉलेज में समाजशास्त्र की छात्रा थी. 


दहेज के विरोध में थे नीतीश 
जिसके बाद दोनों के परिवार वालों की सहमति से दोनों का रिश्ता फिक्स हो गया. रिश्ता फिक्स होने के कुछ दिन बाद ही नीतीश को भनक लग गई कि उनके पिता ने ने मंजू के पिता से तिलक के रूप में 22 हजार रुपए लिए हैं. ये सब जानने के बाद नीतीश अपने पिता और दहेज के खिलाफ हो गए और इसका विरोध करने लगे. कहा जाता है कि नीतीश कुमार ने दहेज के साथ - साथ शादी समारोह का भी विरोध किया. नीतीश कुमार ने कहा कि दोनों तरफ से कोई उपहार नहीं दिया जाएगा. कोई रीति-रिवाज नहीं होगा और नहीं किसी समारोह का आयोजन होगा और शादी कोर्ट मैरिज तरीके से होगी. 


लड़की के पिता को इस बात से लगा था झटका
इन सब बातों का जब लड़की मंजू के पिता को पता चला तो उन्होंने काफी सोचा. मंजू के पिता का सोचना था कि उनका होने वाला दामाद नीतीश इंजीनियर है. बेटी काफी खुश रहेगी, सुखी रहेगी. लेकिन जब उन्हें पता चला कि नीतीश आंदोलनकारी है तो उन्हें झटका लगा. हालांकि ये सब जानने के बाद नीतीश के पिता ने मंजू के पिता को एक बार फिर सोचने के लिए कहा. जिसके बाद आखिरकार अंत में मंजू के पिता मान गए और उन्होंने रिश्ता करने का फैसला कर लिया.   


साल 1973 में की कोर्ट मैरिज
आखिरकार सभी बवालों के बाद अंत में नीतीश ने मंजू से साल 1973 में कोर्ट मैरिज कर ली. बता दें कि द ब्रदर्स बिहारी नाम के एक किताब में नीतीश कुमार के जीवन पर यह सारी बातें लिखी गई है. 


2007 में मंजू देवी का हुआ निधन 
बता दें कि साल 2007 में नीतीश कुमार की पत्नी मंजू देवी का निधन हो गया था. रेस्पिरेटरी फेल होने और सीवियर बाइलेटरल निमोनिया होने के वजह से उन्हें दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. जिंदगी के अंतिम वक्त में मंजू देवी पटना में शिक्षिका के रूप में कार्यरत थीं. जब नीतीश पत्नी की अर्थी को कंधे पर उठाकर चिता तक ले जा रहे थे. तब लगातार नीतीश रोते रहे थे. उनकी उस वक्त की तस्वीरें उनकी मोहब्बत को सरे आम बयां कर रहीं थीं.


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