Valentine's Week Special: रोज डे से वैलेंटाइन वीक की शुरुआत हो चुकी है. आज वैलेंटाइन वीक का दूसरा दिन है जिसे प्रपोज डे के रूप मनाया जाता है. जब बात प्यार की हो तो हीर-रांझा, लैला-मजनू जैसी मोहब्बत की मिसाल देना आम बात है. इनके जैसे न जाने कितनी प्रेम कहानियां दुनिया में सांस लेती हैं और न जाने कितने प्यार करने वाले अमर हो गए. वैलेंटाइन वीक में हम स्पेशल लव स्टोरी सीरीज चला रहे है. जिसमें आज हम आपको किसी स्टार की नहीं बल्कि नेता सैयद शाहनवाज हुसैन और रेणु की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं. तो चलिए आज प्रपोज डे के मौके पर हम आपको उनकी दिलचस्प प्रेम कहानी के बारे में बताते है...


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प्रेमिका को पाने के लिए बेले खूब पापड़
भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता सैयद शाहनवाज हुसैन आज राजनीति जगत में बड़ा चेहरा माने जाते है. उनके विचार काफी सरल और खुले है, लेकिन जितने सरल शाहनवाज हुसैन के विचार है उतनी ही मुश्किल उनकी लव स्टोरी रही है. उन्हें अपनी प्रेमिका से शादी करने में करीब 9 साल तक का लंबा इंतजार करना पड़ा था. कहा जाता है कि उन्हें उनकी प्रेमिका बस में मिली और पहली नजर में शाहनवाज हुसैन को प्यार हो गया. जिसके बाद शाहनवाज हुसैन ने किसी फिल्मी हीरो की तरह अपने प्यार को पाने के लिए खूब पापड़ बेले हैं. 


1986 में शुरू हुई कहानी 
बात है साल 1986 की, जब शाहनवाज हुसैन दिल्ली स्थित पूसा एग्रीकल्चर कॉलेज के ग्रेजुएशन थर्ड ईयर में थे और उनकी प्रेमिका रेणु उसी कॉलेज में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई कर रही थीं. उस वक्त शाहनवाज बस से ट्रैवल किया करते थे. इसी बस से रेणु भी आया जाया करती थी. फिर क्या था तब से शाहनवाज हुसैन उस रेणु को फॉलो करने लगे. कई बार दोनों का आमना-सामना भी हुआ पर शाहनवाज प्यार का इजहार नहीं कर पाए.


प्रेमिका के जन्मदिन पर किया प्यार का इजहार
हालांकि फिर धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे और इसी बीच रेणु का जन्मदिन आ गया. जब प्रेमिका का जन्मदिन हो तो कुछ खास करना तो बनता ही है. तब शाहनवाज ने एक ग्रीटिंग कार्ड के जरिए अपने प्यार का इजहार कर दिया, लेकिन पहली दफा में रेणु ने उनको मना कर दिया.


9 साल की कोशिश के बाद लिए सात फेरे
जानकारी के मुताबिक उस वक्त रेणु का मानना था कि शाहनवाज मुस्लिम हैं और वो एक हिंदू हैं ऐसे में दोनों के परिवार वाले इस प्यार को अपनाने के लिए तैयार नहीं होंगे. हालांकि रेणु के मना करने के बावजूद दोनों की दोस्ती में दरार नहीं आयी. वो वक्त ऐसा था जब दूसरे धर्म में शादी करना हद से ज्यादा मुश्किल था. ऐसे में दोनों के लिए प्यार के रास्ते आसान नहीं थे. जाति को देखते हुए रेणु ने शाहनवाज से रिश्ता जोड़ने के लिए मना कर दिया था. लेकिन शाहनवाज कहा हार मानने वाले थे. उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी और आखिरकार रेणु ने शाहनवाज को हां कर दी. हालांकि इस लव स्टोरी को सफल होने में 9 साल लग गए. अंतत उनकी लंबी कोशिश रंग लाई और दोनों के परिवार वालों ने साल 1994 में दोनों की शादी करा दी.


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