Valentine`s Week 2023 Special: कुछ ऐसा है लालू का राबड़ी के लिए प्यार, बेहद दिलचस्प है दोनों की प्रेम कहानी
Valentine`s Week Special: आज वैलेंटाइन वीक का पहला दिन है जिसे रोज डे के तौर पर मनाया जाता है. वैलेंटाइन वीक स्पेशल स्टोरी में हम आपको किसी बिहार के नेता लालू यादव और राबड़ी देवी की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे पढ़कर आप भी काफी हैरान होने वाले हैं
Valentine's Week Special: आज से वैलेंटाइन वीक यानी प्यार का इजहार करने का वीक शुरु हो चुका हैं.आज वैलेंटाइन वीक का पहला दिन है जिसे रोज डे के तौर पर मनाया जाता है. वहीं अब बात प्यार की हो रही हो तो अक्सर आपने अपने आस-पड़ोस में, घर में या किसी बॉलीवुड स्टार्स की लव स्टोरी के बारे में पढ़ा होगा या सुना होगा. वैसे ही भारत में हीर-रांझा, लैला-मजनू जैसी मोहब्बत की मिसाल पेश करने वाला देश है. इनके जैसे न जाने कितनी प्रेम कहानियां यहां सांस लेती हैं और न जाने कितने प्यार करने वाले अमर हो गए. लेकिन आज वैलेंटाइन वीक स्पेशल स्टोरी में हम आपको किसी स्टार की नहीं बल्कि बिहार के फेमस नेता लालू यादव और राबड़ी देवी की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे पढ़कर आप भी काफी हैरान होने वाले हैं
एक दूजे से करते है बेहद प्यार
नेता लालू यादव और राबड़ी देवी के बीच का प्यार जगजाहिर है. कई ऐसे मौके पर देखा जाता है जब लालू राबड़ी को लाल गुलाब देते हुए दिखाई देते हैं. कई बार तो ऐसा करते हुए वे मीडिया के कैमरे में भी कैद हुए हैं. बिहार राज्य को पहली महिला मुख्यमंत्री देने का श्रेय भी लालू यादव को ही जाता है. बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी लालू प्रसाद यादव की पत्नी बनी थीं. राज्य की जनता ने लालू यादव और राबड़ी देवी की जोड़ी को हमेशा बेहद पसंद किया है और उन्हें दिन से प्यार दिया है. तो चलिए आज रोज डे के मौके पर हम आपको उनकी प्रेम कहानी के बारे में बताते है...
महज 14 साल की थी राबड़ी देवी
बात है साल 1973 की जब लालू राबड़ी एक दूजे के साथ जन्मों जन्मों के बंधन में बंध गए थे. उस वक्त लालू 25 साल के थे और राबड़ी देवी महज 14 साल की थीं. दोनों की शादी अरेंज मैरिज थी, लेकिन इसके बावजूद राबड़ी देवी के घरवालों ने इस शादी का जमकर विरोध किया था. जानकारी के मुताबिक राबड़ी देवा के चाचा ने शादी के दिन भी लालू से शादी को लेकर काफी हंगामा किया था. दरअसल, राबड़ी देवी का परिवार गांव समाज में एक संपन्न परिवार के रूप में जाना जाता था और लालू एक साधारण गरीब परिवार से थे. लालू के घर में उस वक्त पैसों की काफी तंगी थी और एक मामूली सी झोपड़ी में रहते थे.
राबड़ी देवी के पिता ने लिया था फैसला
हालांकि इन सबके बावजूद राबड़ी देवी के पिता ने किसी की नहीं सुनी थी. क्योंकि लालू यादव को दामाद बनाने का फैसला खुद राबड़ी देवी के पिता ने किया था. राबड़ी देवी के पिता अपनी बेटी के लिए लालू से बेहतर किसी को नहीं मानते थे. उन्होंने शादी का विरोध करने वाले सभी परिजनों को कह दिया कि लालू बेशक गरीब परिवार से आता है लेकिन वे होनहार है.
लालू का लक्की चार्म थी राबड़ी देवी
लालू यादव के लिए राबड़ी देवी लक्की चार्म मानी जाती थी. पटना विश्वविद्यालय का चुनाव जीतते ही लालू की राजनीति की राह बुलंद हो गई. फिर उसके बाद लोकनायक जयप्रकाश नारायण से मिलने के बाद उनकी राजनीतिक धार और पैनी हो गई थी.
यह भी पढ़ें- Chanakya Niti For Marriage: शादी से पहले पार्टनर की जरूर जान लें ये 4 बातें, तबाह होने से बच जाएगी जिंदगी