Bihar News: वर्षों से पिछड़े बिहार की किस्मत शायद अब सुधरने वाली है. दशकों से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की जा रही है. इसके अलावा राजनीतिक अकुशलता की कमी से बिहार जैसा प्रतिभाशाली राज्य आज देश के बाकी सभी राज्यों की तुलना में निचले पायदान पर है. बिहार की तुलना में कई छोटे राज्यों की आर्थिक स्थिति बहुत समृद्ध है, लेकिन बिहार आज भी अपने हाल पर रो रहा है. राज्य की प्रतिभा यहां से पलायन कर गई है तो उद्योंगों की कमी से रोजगार की तलाश में भी लोग रोजाना दूरगामी ट्रेनों में सवार होकर परदेशी बाबू बनकर रह जा रहे हैं. ऐसे में एक उम्मीद जगी है. यह उम्मीद जगाई है वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने. 


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मनी कंट्रोल की खबर के अनुसार, अनिल अग्रवाल का कहना है कि वह अगले 4 साल में देश में 20 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने वाले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने गृह राज्य बिहार को आगे बढ़ाने में भी उत्प्रेरक की भूमिका निभाना चाहते हैं. अनिल अग्रवाल ने यह भी कहा कि हमारा निवेश वेदांता ग्रुप के टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और शीशा कारोबार के अलावा अन्य गतिविधियों पर केंद्रित होने वाला है. 


बिहार को मदद के मामले में अग्रवाल बोले, हमें अपने राज्य यानी बिहार को बढ़ाने के लिए नीतिगत मोर्चे पर मजबूत समर्थन की जरूरत होगी. अग्रवाल ने यह भी कहा, नंद घरों की संख्यसा अगले दो साल में 6,000 से बढ़ाकर 25,000 तक करने की योजना है. नंद घर योजना में बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है.


बिहार के लाल और बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी को नंद घर पहल में शामिल करने के लिए 1 मई को वेदांता की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यह स्कीम बाल विकास मंत्रालय और वेदांता की संयुक्त परियोजना है. इस दौरान अग्रवाल बोले, भारत में जबर्दस्त विकास हो रहा है. लोग यहां निवेश में रुचि ले रहे हैं. चुनाव बाद हम उद्यमिता को मान्यता देंगे, जो निवेश के लिए बहुत जरूरी है. 


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उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा, ग्लास और सेमीकंडक्टर बिजनेस पर कंपनी फोकस करने वाली है. अग्रवाल बोले, हमें गुजरात में जमीन मिल गई है, लेकिन हमें सबसे अच्छे साझीदार की जरूरत है.