Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव आईएएस राजीव अरुण एक्का से ईडी मंगलवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ कर रही है. सोमवार को उनसे ईडी के रांची स्थित जोनल ऑफिस में 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी. ईडी को ऐसे कुछ डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राजीव अरुण एक्का की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



जानें क्या है पूरा मामला


झारखंड में सत्ता और नौकरशाही के गलियारे में पावर ब्रोकर के रूप में पहचाने जाने वाले शख्स विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर कथित तौर पर फाइलें निपटाने का वीडियो वायरल होने के बाद आईएएस राजीव अरुण एक्का ईडी के रडार पर आए हैं. विशाल चौधरी नामक इस शख्स के आवास पर ईडी ने कुछ माह पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापामारी की थी.


सोमवार को भी हुई थी पूछताछ


सोमवार को ईडी ने राजीव अरुण एक्का से विशाल चौधरी के साथ उनके संबंधों में बारे में पूछताछ की. राजीव अरुण एक्का ने विशाल से दोस्ती की बात तो स्वीकार की, लेकिन इस बात का साफ जवाब नहीं दिया कि उसके निजी दफ्तर में सरकारी फाइलें कैसे पहुंचीं.


उन्होंने वीडियो में खुद के होने की बात तो स्वीकार की, लेकिन इस बात से इनकार किया कि वे सरकारी फाइल निपटा रहे थे. उन्होंने कहा कि वे विशाल चौधरी के एक पत्र की ड्राफ्टिंग दुरुस्त कर रहे थे. ईडी ने झारखंड में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग में विशाल चौधरी की संलिप्तता के बारे में भी पूछा. ईडी ने यह भी जाने का प्रयास किया कि आईएस राजीव अरुण एक्का और विशाल चौधरी के साथ निजी या प्रोफेशनल संबंध हैं क्या? विशाल चौधरी के आवास से बरामद कुछ संदिग्ध नकद लेनदेन से संबंधित कुछ दस्तावेज थे.


वीडियो हुआ था वायरल 


बता दें कि विशाल के दफ्तर में बैठे राजीव अरुण एक्का का वीडियो जारी होने के बाद जब सियासी हंगामा मचा था तो सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया था. उनके पास गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव का भी पद था. उन्हें इन पदों से भी हटा दिया गया था.


(इनपुट:आईएएनएस)