Viprit Raj Yoga Jupiter & Vinus Trasnsit: ज्योतिष शास्त्र की मानें तो किसी भी जातक के जीवन में गुरु, शुक्र और बुध ये तीन ऐसे ग्रह हैं जो उसे सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, मान-प्रतिष्ठा एवं सम्मान दिलाते हैं. आपको बता दें कि शुक्र जल्द ही अस्त होनेवाले हैं, वहीं गुरु ग्रह भी सितंबर में वक्री होने जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र त्रिकोण राजयोग और विपरीत राजयोग दोनों का निर्माण हो रहा है.  बता दें कि ऐसे में कई राशियों पर इसकी वजह से धनवर्षा होनेवाली है. 


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वैसे इसके साथ ही आपको बता दें कि इस समय बुध मिथुन राशि में गोचर कर गए हैं जहां सूर्य पहले से ही विराजमान है ऐसे में एक विपरीत राजयोग का निर्माण पहले से ही हुआ है जो कई राशियों के जातकों को वाहन, संपत्ति और सुख देनेवाला है. 


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बता दें कि किसी भी कुंडली के 6ठे, आठवें, 12वें भाव का स्वामी युति करता है तो विपरीत राजयोग बनता है.ऐसे में आप आसान भाषा में समझें तो किसी कुंडली में छठे भाव का स्वामी अष्टम या द्वादश भाव में आकर बैठ जाए, इसके साथ ही जब अष्टम भाव का स्वामी द्वादश या षष्ठम भाव में हो या इसके साथ ही द्वादशेश षष्ठम या अष्टम भाव में हो तो विपरीत राजयोग बनता है. 


विपरीत राजयोग भी तीन प्रकार के होते हैं हर्ष, सरल और विमल. ऐसे में आपको बता दें कि किसी कुंडली के छठे भाव का स्वामी अगर अष्ठम या नवम भाव में विराजमान हो जाए तो हर्ष विपरीत राजयोग बनता है. यह पारिवारिक जीवन में सुखद एहसास देने के साथ समाज में मान प्रतिष्ठा देनेवाला होता है. 


वहीं कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी जब छठे या बारहवें भाव में विराजमान हो जाए तो सरल विपरीत राजयोग बनता है. यह राजयोग व्यक्ति को बुद्धिमान बनाने के साथ ही उसे चारित्रिक रूप से भी सकारात्मकता प्रदान करता है. वहीं जब 12वें भाव का स्वामी किसी कुडली में 6ठे या 8वें भाव में बैठ जाए तो विमल राजयोग बनता है. यह राजयोग किसी भी व्यक्ति को छप्पर फाड़ धन देता है. 


ऐसे में विपरीत राजयोग मीन, सिंह और मिथुन राशि के लिए काफी लाभप्रद होने वाला है. यह विपरीत राजयोग सूर्य और बुध की युति से बना है. जबकि शुक्र के अस्त होने से बनने वाले राजयोग की वजह से तुला, वृषभ, मिथुन और कन्या सहित मेष राशि के जातकों को बेहतर अवसर प्रदान करनेवाला होगा.