पटनाः Ramcharit Manas: बिहार की राजनीति में रामचरित मानस विवाद थमता नहीं दिख रहा है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बीते महीने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दिया था. सियासत में इसे लेकर बयानबाजी जारी है. अब इसे लेकर विश्व हिंदू परिषद भी मैदान में आ गई है. VHP ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. विश्व हिंदू परिषद ने आरजेडी सहित कई दलों के पंजीकरण रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग से समय मांगा है. वहीं इसे लेकर राजद ने कहा है कि वीएचपी जहां चाहे, वहां जाए यह देश संविधान से चलेगा. विश्व हिंदू परिषद के नियम से नहीं चलेगा. बता दें विश्व हिंदू परिषद ने सपा के खिलाफ भी चुनाव आयोग से शिकायत करने के लिए वक्त मांगा है.


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मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने के लिए मांगा वक्त
वीएचपी ने कहा कि राजद ने रामचरितमानस के खिलाफ हाल ही में की गई टिप्पणी के लिए अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ है, जिसके तहत उन्हें राजनीतिक दलों के रूप में पंजीकृत किया गया था. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मिलने का समय मांगा है. वीएचपी की ओर से आए इस बयान के बाद राजद ने इस पर पलटवार किया है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि 'भगवान राम कण-कण और रोम-रोम में व्याप्त हैं. आरजेडी सभी धर्मों और धर्मग्रंथो का सम्मान करती है. यही धर्मनिरपेक्षता भारत की आत्मा है. इसे कोई कमजोर नहीं कर सकता है. वीएचपी खुद विवादों और सवालों के घेरे में रहने वाला संगठन है. दूसरों को ज्ञान नहीं दे. 


क्या है रामचरित मानस विवाद?
इस मामले की शुरुआत नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से हुई थी. यहां के दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री व आरजेडी नेता प्रोफेसर चंद्रशेखर पहुंचे थे. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने और समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था. यह भी कहा था कि यह दलित, पिछड़ों को पढ़ने, आगे बढ़ने से रोकता है. इसके बाद से इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है.