What is an NGO: खुद का NGO कैसे बनाएं? जानें पंजीकरण की क्या है पूरी प्रक्रिया
NGO Registration Process: एनजीओ बनाना समाज सेवा का एक महत्वपूर्ण कदम है. सही योजना, ईमानदारी और पारदर्शिता से आप अपने उद्देश्य को सफल बना सकते हैं.
NGO Registration: भारत में गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) का गठन एक नेक पहल है जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए काम करता है. अगर आप अपना एनजीओ शुरू करने की सोच रहे हैं तो आपको इसकी प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और नियमों की सही जानकारी होनी चाहिए.
1. एनजीओ का उद्देश्य तय करें
सबसे पहले यह तय करें कि आपका एनजीओ किस क्षेत्र में काम करेगा. जैसे: शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण आदि. यह निर्णय आपके एनजीओ के लिए सही दिशा तय करने में मदद करेगा.
2. एनजीओ का नाम और संरचना
एनजीओ का एक अनूठा नाम होना चाहिए जो पहले से रजिस्टर न हो. संरचना के लिए आपको यह तय करना होगा कि एनजीओ ट्रस्ट, सोसायटी या कंपनी अधिनियम के तहत रजिस्टर होगा.
ट्रस्ट: न्यूनतम दो ट्रस्टी की आवश्यकता.
सोसायटी: कम से कम सात सदस्यों की जरूरत.
कंपनी: कंपनी अधिनियम 2013 के तहत रजिस्ट्रेशन.
3. आवश्यक दस्तावेज
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं.
ज्ञापन (Memorandum): जिसमें एनजीओ के उद्देश्य और कार्य क्षेत्र की जानकारी हो. जैसे संस्थापक का नाम, पता, और पहचान पत्र आदि. साथ ही न्यासी या सदस्यों की सूची, संपत्ति या फंड की जानकारी के अलावा पैन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो के साथ रजिस्ट्रेशन फीस आदि.
4. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
ट्रस्ट के लिए
राज्य के उप-रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन करें.
रजिस्ट्रेशन के लिए न्यासी (ट्रस्टी) की उपस्थिति जरूरी है.
सोसायटी के लिए
सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत आवेदन करें.
इसके लिए सात सदस्य अनिवार्य हैं.
संविधान और उपनियम (Bylaws) जमा करें.
कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत धारा 8 कंपनी के रूप में पंजीकरण करवाएं. इसके लिए डिजिटल सिग्नेचर (DSC) और डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) जरूरी है.
5. सरकारी मान्यता और नियमों का पालन
एनजीओ को कामकाज के लिए सरकार से मान्यता लेनी होती है.
FCRA लाइसेंस: विदेश से फंड प्राप्त करने के लिए जरूरी.
समय-समय पर वित्तीय रिपोर्ट और ऑडिट जमा करना अनिवार्य है.
6. बैन से बचने के उपाय
इसके अलावा बता दें कि गलत जानकारी, फंड का दुरुपयोग या आवश्यक रिपोर्टिंग में चूक एनजीओ पर बैन लगने का कारण बन सकती है. साथ ही सभी दस्तावेजों और फंड का सही उपयोग सुनिश्चित करें. हर गतिविधि पारदर्शिता के साथ करें.
7. सामाजिक प्रभाव और नेटवर्किंग
एनजीओ का सफल संचालन इसके सामाजिक प्रभाव पर निर्भर करता है. अपने काम को प्रचारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करें. अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करें.
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