GajKesari Yoga: किसी भी आदमी की कुंडली में पूरे जीवन में कई तरह के शुभ और अशुभ योग बनते हैं जो जातक के जीवन पर अपना असर दिखाते हैं. आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 300 के करीब योग होते हैं जिनका जातक के जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक असर पड़ता है. आपको बता दें कि इन योगों में से 32 योग ऐसे हैं जो आपके जीवन में शुभता लाते हैं और इनमें से कुछ तो आपके जीवन में राजयोग बनकर आते हैं. वहीं 5 ऐसे दारिद्र योग भी हैं जो अगर आपकी कुंडली के अनुसार बन रहे हैं तो वह आपके जीवन को तबाह कर देते हैं. 


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ऐसे में हम आपको कुंडली के एक ऐसे राजयोग के बारे में बताएंगे जो अगर आपकी कुंडली में बन रहा है तो आपको मालामाल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ज्योतिष में इसे गजकेसरी योग कहते हैं. इस योग में जातक को खूब मान-सम्मान, समृद्धि, पैसा और धार्मिक एवं आध्यात्मिक गुण मिलता है. ऐसे में अगर जातक की कुंडली में चंद्रमा बलवान हो तो ही आपको इस योग का पूरा फायदा मिलेगा. 


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इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है. मतलब अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है. ऐसे में जातक की कुंडली में चंद्रमा मजबूत हो और यह योग बन रहा हो तो इसका आपको पूरा लाभ मिलेगा वहीं अगर चंद्रमा कमजोर हो तो उसकी ताकत के हिसाब से ही जातक को इस योग का फल मिलनेवाला है.   


किसी जातक की कुंडली में अगर गजकेसरी राजयोग बन रहा है तो वह तमाम बाधाओं से लड़ते भिड़ते भी बाहर निकलेगा और सफल होगा. उसके पास धन और वैभव की कमी नहीं रह जाती है. बता दें कि अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है. वहीं चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है. यह योग अगर किसी के लग्न में बन रहा हो तो ऐसा जातक नेता या अभिनेता होता है. गजकेसरी योग दूसरे भाव में बन रहा हो तो जाता उच्च कुलीन घर में पैदा होता है. तीसरे भाव में गजकेसरी योग बनना केवल जातक ही नहीं बल्कि उसके भाई-बहनों के लिए भी उत्तम माना गया है. 
 
चौथे भाव में गजकेसरी योग बने तो ऐसे व्यक्ति का मां के प्रति प्यार गहरा होता है और उसको इसका लाभ भी मिलता है. पंचम भाव में गजकेसरी योग बनने वाले जातक अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर अकूत धन कमाते हैं. ये अच्छे लेखक, वैज्ञानिक और शित्रक भी बन सकते हैं. छठे भाव में गजकेसरी योग कमजो होता है और उसका इतना फल नहीं मिलता है. सातवें भाव में यह योग बने तो जातक की शादी बड़े घराने में होती है और जीवनसाथी उच्च पद पर स्थित होता है. अष्टम भाव में गजकेसरी योग जातक को तंत्र-मंत्र की साधना दिलाता है. नवम भाव में यह योग जातक को भाग्यशाली बनाता है. दशम भाव में गजकेसरी योग जातक को उच्च पद पर आसीन कराता है. ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग जातक के आय को बढ़ा देता है. बारहवें भाव का गजकेसरी योग कमजोर होता है ऐसा व्यक्ति धर्म कर्म में खूब खर्चाता है और उसे घर से दूर ही सफलता मिलती है.