Navpancham Rajyog : कई तरह के योग ग्रहों की युति से मानव जीवन में बनते हैं. इन योगों में से कुछ योग मानव के जीवन में शुभता लाते हैं तो कुछ की वजह से मानव का जीवन कष्टों से भर जाता है. हालांकि योग की बात की जाए तो जो शुभ योग होते हैं उसका जितना प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर होता है उतना ही प्रभाव अशुभ योगों का भी होता है. समय-समय पर ग्रहों की युति से राजयोग भी बनते हैं. ये राजयोग जिस राशि पर बेहतर प्रभाव डालते हैं उसके जातकों को मालामाल कर देते हैं. 


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ऐसे में आपको बता दें कि इस समय नवपंम राजयोग बना हुआ है. यह योग इस बार शनि और शुक्र की युति से बना है. आपको बता गें कि इस राजयोग का बनना तब होता है. जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं. बता दें कि दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है. 


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अब आप जानना चाहेंगे कि चलो दो ग्रहों के बीच के कोण के बारे में तो समझ में आ गया कि 12 घरों में से दोनों ग्रह ऐसे घर में होंगे जहां से दोनों के बीच 120 डिग्री का कोण बन रहा होगा लेकिन यह एक ही तत्व राशि क्या है. तो आपको बताते हैं कि अग्नि, वायु, जल, आकाश, पृथ्वी यह पंच तत्वों में से 4 तत्व अग्नि, पृथ्वी, वायु और जल से कई राशियों को मिलाया गया है. जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है. इसी से ये राशियां बनती हैं. ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में दो ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं बना दे तो ऐसे में नवपंचम राजयोग बनता है. 


आपको बता दें कि इस समय शुक्र ग्रह ने मिथुन राशि में प्रवेश किया है वहीं शनि देव कुंभ राशि में विराजमान थे ऐसे में दोनों का एक तत्व वायु है तो इसकी वजह से नवपंचम राजयोग बना. इस योग के बनने से जिन राशियों पर इसका असर पड़ता है उसके जातकों को अचानक से धन लाभ होने लगता है. इसके साथ ही जीवन में आ रही आर्थिक समस्या भी खत्म हो जाती है. बता दें कि इस समय मेष, वृषभ और मिथुन राशि के जातकों के लिए यह नवपंचम राजयोग खुशियों की सौगात लेकर आया है.